भारत और सऊदी अरब के बीच दीर्घकालिक उर्वरक आपूर्ति समझौता
- 15 Jul 2025
14 जुलाई 2025, केंद्रीय मंत्री जे.पी. नड्डा की 11-13 जुलाई को दम्माम और रियाद यात्रा के दौरान भारत और सऊदी अरब के बीच दीर्घकालिक उर्वरक आपूर्ति समझौतों पर हस्ताक्षर हुए।
मुख्य तथ्य:
- DAP आपूर्ति समझौता: सऊदी कंपनी Ma'aden और भारतीय कंपनियों (IPL, KRIBHCO, CIL/Coromandel Fertilizers) के बीच समझौता, जिसके तहत 2025-26 से अगले पाँच वर्षों तक प्रतिवर्ष 3.1 मिलियन मीट्रिक टन डायमोनियम फॉस्फेट (DAP) भारत को आपूर्ति की जाएगी; आपसी सहमति से 5 वर्ष और बढ़ाया जा सकता है।
- मौजूदा आपूर्ति और वृद्धि: 2024-25 में भारत ने सऊदी अरब से 1.9 मिलियन मीट्रिक टन DAP आयात किया, जो 2023-24 की तुलना में 17% अधिक था (2023-24 में 1.63 मिलियन मीट्रिक टन)। नया समझौता आपूर्ति को लगभग दोगुना कर 3.1 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष करेगा।
- द्विपक्षीय सहयोग का विस्तार: DAP के अतिरिक्त, यूरिया और अन्य प्रमुख उर्वरकों में भी सहयोग बढ़ाने की सहमति। भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों द्वारा सऊदी अरब के उर्वरक क्षेत्र में निवेश और सऊदी निवेश की संभावनाओं पर चर्चा हुई।
- संयुक्त अनुसंधान व अध्ययन: भारत-अनुकूलित और वैकल्पिक उर्वरकों के विकास के लिए सचिव (उर्वरक) और सऊदी वाइस मिनिस्टर (माइनिंग) के नेतृत्व में संयुक्त कार्यदल गठित किया गया है।
- रणनीतिक पृष्ठभूमि: समझौता उस वक्त हुआ है जब चीन ने फॉस्फेट व DAP का निर्यात प्रतिबंधित कर दिया है; इससे भारत के लिए खाद्य एवं उर्वरक सुरक्षा सुदृढ़ होगी।
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