शंघाई सहयोग संगठन (SCO) में भारत का आतंकवाद पर कड़ा रुख
- 16 Jul 2025
15 जुलाई, 2025 को चीन के तिआनजिन में आयोजित SCO विदेशी मंत्रियों की बैठक में भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद के प्रति संगठन को “अडिग और अनुनय-विनय रहित” रुख अपनाने का आग्रह किया।
मुख्य तथ्य:
- पहालगाम हमले की निंदा: पहालगाम में हुए आतंकवादी हमले को जयशंकर ने जम्मू-कश्मीर की पर्यटन अर्थव्यवस्था को कमजोर करने और धार्मिक द्वेष पाँपने के लिए राजनीतिक रूप से प्रेरित बताया।
- संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिक्रिया: इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए यूएनएससी ने दोषियों, योजनाकारों, वित्तपोषकों और समर्थकों को न्याय के कठघरे में लाने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया।
- SCO का मुख्य उद्देश्य: संगठन की स्थापना तीन बुराइयों– आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद– से लड़ने के लिए हुई थी, जो अक्सर एक साथ प्रकट होती हैं; जयशंकर ने सदस्यों को उसी पथ पर अडिग रहने की चुनौती दी।
- वैश्विक अस्थिरता की चुनौतियाँ: जयशंकर ने वैश्विक प्रणाली में बढ़ती अशांति, आर्थिक अस्थिरता, संघर्ष, प्रतिद्वंद्विता और दबाव की बात कही और SCO में कारोबार, निवेश व पारस्परिक आदान-प्रदान बढ़ाने का आह्वान किया।
- क्षेत्रीय सहयोग और INSTC का समर्थन: उन्होंने अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे (INSTC) को बढ़ावा देने के साथ सदस्यों के बीच भरोसा आधारित सहयोग की महत्ता बताई।
- शंघाई सहयोग संगठन (SCO): SCO एक क्षेत्रीय अंतरराज्यीय संगठन है, जिसकी स्थापना 2001 में चीन, रूस, कज़ाख़स्तान, किर्गिज़स्तान, ताजिकिस्तान और उज़्बेकिस्तान ने आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद से लड़ने के लिए की थी। समय के साथ इसमें भारत, पाकिस्तान और कई मध्य एशियाई देश भी सदस्य बन गए। SCO का उद्देश्य क्षेत्रीय स्थिरता, आर्थिक सहयोग, सांस्कृतिक संपर्क और सुरक्षा सहयोग को बढ़ावा देना है। यह संगठन सदस्य देशों के बीच विश्वास बढ़ाने और वैश्विक अस्थिरताओं से निपटने का मंच प्रदान करता है।
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