DRDO ने भारतीय नौसेना को स्वदेशी विकिरण निगरानी प्रणालियाँ सौंपीं
- 16 Jul 2025
15 जुलाई, 2025 को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने राजस्थान के जोधपुर स्थित डिफेंस लैबोरेटरी में आयोजित समारोह में भारतीय नौसेना को छह स्वदेशी रूप से विकसित विकिरण निगरानी और सुरक्षा प्रणालियाँ सौंपीं।
मुख्य तथ्य:
- प्रदत्त प्रणालियाँ : DRDO ने छह उत्पाद सौंपे—गामा रेडिएशन एरियल सर्विलांस सिस्टम (GRASS), एनवायरनमेंटल सर्विलांस व्हीकल (ESV), व्हीकल रेडियोलॉजिकल कंटेमिनेशन मॉनिटरिंग सिस्टम (VRCMS), अंडरवाटर गामा रेडिएशन मॉनिटरिंग सिस्टम (UGRMS), डर्ट एक्सट्रैक्टर और क्रॉस कंटेमिनेशन मॉनिटर (DECCOM), व ऑर्गन रेडियोएक्टिविटी डिटेक्शन सिस्टम (ORDS)।
- उद्देश्य: ये प्रणालियाँ नौसेना की परिवेश, भूमि, वायु और पानी में रेडिएशन डिटेक्शन, निगरानी और सुरक्षा संबंधी क्षमताओं में विस्तार करती हैं।
- स्वदेशी विकास: सभी प्रणालियाँ भारत में DRDO वैज्ञानिकों द्वारा डिजाइन और विकसित की गईं।
- सौंपने की प्रक्रिया : DRDO अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कमात द्वारा नौसेना मुख्यालय के असिस्टेंट चीफ रियर एडमिरल श्रीराम अमूर को हस्तांतरित किया गया।
- सामरिक महत्व: ये प्रणालियाँ भारतीय नौसेना की परमाणु सुरक्षा और विकिरण आपात स्थितियों से निपटने की क्षमताओं को देशीकरण और आत्मनिर्भरता के तहत बेहतर बनाती हैं।
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