अमेरिका ने TRF को ‘वैश्विक आतंकवादी संगठन’ घोषित किया
- 19 Jul 2025
19 जुलाई, 2025 को अमेरिका ने पाकिस्तान-आधारित ‘लश्कर-ए-तैयबा’ (LeT) समर्थित ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) को ‘फॉरेन टेररिस्ट ऑर्गनाइजेशन (FTO)’ और ‘स्पेशली डिज़िग्नेटेड ग्लोबल टेररिस्ट (SDGT)’ घोषित किया। यह कार्रवाई 22 अप्रैल, 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहालगाम में हुए आतंकी हमले के बाद की गई, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे।
मुख्य तथ्य:
- संगठन की पहचान: TRF, लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का फ्रंट और प्रॉक्सी है, जिसने पहालगाम आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली; इस हमले में 26 नागरिकों की मृत्यु हुई थी।
- ऐतिहासिक हमले का संदर्भ: यह वर्ष 2008 के मुंबई हमले के बाद भारत में नागरिकों पर सबसे घातक हमला माना गया है; TRF ने 2024 में भी सुरक्षा बलों पर कई हमलों की जिम्मेदारी ली थी।
- अमेरिका का बयान: अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने बताया कि TRF की FTO और SDGT के रूप में घोषणा, अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा हितों की रक्षा, आतंकवाद का मुकाबला तथा पहालगाम हमले के लिए न्याय सुनिश्चित करने की राष्ट्रपति ट्रंप की नीति का प्रतीक है।
- भारत की प्रतिक्रिया: भारत ने इसे भारत-अमेरिका आतंकविरुद्ध सहयोग का मजबूत प्रमाण बताया; भारत ने वैश्विक साझेदारों के साथ मिलकर आतंकी संगठनों और उनकी प्रॉक्सी को जवाबदेह ठहराने की प्रतिबद्धता जताई।
- अंतरराष्ट्रीय प्रयास: पहालगाम हमले के बाद भारत ने TRF पर वैश्विक प्रतिबंध की मुहिम चलाई। 25 अप्रैल 2025 को यूएन सिक्योरिटी काउंसिल ने हमले की निंदा की, लेकिन TRF का नाम नहीं लिया। भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद, ट्रैक-1 और तकनीकी टीमों के माध्यम से सबूत UN 1267 समिति के समक्ष रखे।
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