E20 नीति : सुप्रीम कोर्ट द्वारा याचिका खारिज
- 02 Sep 2025
1 सितंबर, 2025 को उच्चतम न्यायालय ने देशभर में 20% इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (E20) के लागू होने के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया, जिससे सरकार की ब्लेंडिंग नीति को समर्थन मिला।
मुख्य तथ्य:
- याचिका का आधार: याचिका में पुरानी गाड़ियों के साथ E20 की असंगतता, उपभोक्ता अधिकारों और विकल्प के अभाव का उल्लेख; मांग थी कि अप्रैल 2023 से पहले बनी गाड़ियों को E10/एथेनॉल-रहित पेट्रोल का विकल्प मिले।
- सरकार का पक्ष: E20 से गन्ना किसानों की आय, विदेशी मुद्रा बचत, कार्बन उत्सर्जन में कमी और ऊर्जा आत्मनिर्भरता बढ़ाने के उद्देश्य को रेखांकित किया गया; सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की दलीलों को "तार्किक प्रगति" कहा।
- पहले के मिश्रण: 2023 तक देशभर के लगभग 90,000 पेट्रोल पंपों पर E5/E10 मिश्रण उपलब्ध था; अब E20 ही मुख्य विकल्प है।
- अदालत का आदेश: कोर्ट ने उपभोक्ता सूचना हेतु फ्यूल पंपों पर एथेनॉल लेबलिंग आवश्यक करने एवं वाहन अनुकूलता प्रशिक्षण पर बल दिया; याचिका पर और कोई निर्देश नहीं दिए।
- वित्त व पर्यावरण लाभ: सरकार के अनुसार, EBP (Ethanol Blended Petrol) कार्यक्रम से ₹1.44 लाख करोड़ विदेशी मुद्रा बचत, ₹1.25 लाख करोड़ किसानों को भुगतान, और 736 लाख टन CO2 उत्सर्जन कटौती।
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