पाकिस्तान - सऊदी अरब : परमाणु प्रतिरोध साझा करने की घोषणा

  • 20 Sep 2025

19 सितम्बर, 2025 को पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मुहम्मद आसिफ ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान अपने नये रक्षा समझौते के तहत ज़रूरत पड़ने पर सऊदी अरब को “परमाणु प्रतिरोध (nuclear deterrent)” उपलब्ध कराएगा। यह पहली बार है जब पाकिस्तान ने औपचारिक रूप से सऊदी अरब को अपने परमाणु छत्र (“nuclear umbrella”) में शामिल करने की बात सार्वजनिक की है।

मुख्य तथ्य:

  • परमाणु सुरक्षा की गारंटी: रक्षा मंत्री के अनुसार, पाकिस्तान की सैन्य और परमाणु क्षमताएँ भविष्य में सऊदी की सुरक्षा के लिए उपलब्ध रहेंगी; यह हरियाणा के दोनों देशों के बीच बुधवार को हुए सामूहिक रक्षा समझौते के बाद स्पष्ट किया गया।
  • समझौते का प्रावधान: आधिकारिक दस्तावेज के अनुसार, “किसी एक राष्ट्र पर हमला, दोनों पर हमला” माना जायेगा; साथ ही, संयुक्त सैन्य प्रतिक्रिया की गारंटी दी गई है।
  • क्षेत्रीय सन्देश: यह कदम इज़राइल की कतर में हमास नेताओं पर हालिया हमले के बाद, वेस्ट एशिया में सुरक्षा और शक्ति-संतुलन को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, जिससे सऊदी अरब अपने लिए परमाणु सुरक्षा विकल्प खोज रहा है।
  • पारंपरिक संबंध: 1970 के दशक से, सऊदी अरब ने पाकिस्तान की परमाणु कार्यक्रम को वित्तीय सहायता दी थी; पाकिस्तानी सेना मक्का-मदीना की रक्षा के लिए दसकों से तैनात रही है।
  • पारदर्शी बयान: पाकिस्तान के पास अनुमानित 170 और भारत के पास 172 परमाणु वारहेड (Bulletin of Atomic Scientists के अनुसार); पाकिस्तान ने पहले भी परमाणु शक्ति का उपयोग मुख्य रूप से भारत के प्रति प्रतिरोध के रूप में किया है, अब यह सामूहिक सुरक्षा में क्षेत्रीय विस्तार है।