रसायन विज्ञान हेतु नोबेल पुरस्कार 2025 की घोषणा
- 09 Oct 2025
8 अक्टूबर, 2025 को रसायन के नोबेल पुरस्कार की घोषणा जापान के सुसुमु कितागावा, ऑस्ट्रेलिया के रिचर्ड रॉबसन और जॉर्डन-अमेरिकन ओमर याघी को दी गई। इन्हें "मेटल-ऑर्गेनिक फ्रेमवर्क्स" (MOFs) नामक नए वर्ग की सामग्रियों के विकास के लिए यह पुरस्कार दिया गया।
मुख्य तथ्य:
- मेटल-ऑर्गेनिक फ्रेमवर्क्स की संरचना: MOF वे क्रिस्टलीय ठोस पदार्थ हैं जिनमें धातु आयनों को लंबे कार्बन-आधारित (ऑर्गेनिक) लिंकरों से तीन-आयामी द्रव्यमान में जोड़ा जाता है। इनके भीतर विशाल सूक्ष्म गुहाएँ होती हैं, जिससे गैस या अन्य अणु भीतर-बाहर प्रवाहित हो सकते हैं।
- शोध यात्रा:
- रिचर्ड रॉबसन (1989): सबसे पहले पॉजिटिवली चार्ज्ड कॉपर आयन को चार-भुजाओं वाले ऑर्गेनिक मॉलीक्यूल से जोड़कर ढाँचा तैयार किया, जिसमें अनगिनत रिक्त गुहाएँ थीं।
- सुसुमु कितागावा (1998): इस ढांचे को स्थिर और लचीला बनाकर दिखाया कि इसमें गैसें प्रवाहित हो सकती हैं; नम्य मेटल-ऑर्गेनिक फ्रेमवर्क्स का सैद्धांतिक विकास।
- ओमर याघी (1999-2003): MOFs को मजबूती दी और डिजाइनर-पद्धति से विशेष गुणों के साथ संशोधित किया; MOF-5 जैसे ढांचे से रेगिस्तान की हवा से पानी निकालना, CO2 कैप्चर, औषधीय अवशेषों का अवक्रमण आदि उपलब्धियाँ।
- व्यापक उपयोग:
- पर्यावरण शुद्धिकरण (PFAS अलग करना, औषधि अपशिष्टों का विघटन),
- कार्बन कैप्चर व भंडारण,
- जल संचयन (रेगिस्तान की हवा से पानी),
- हाइड्रोजन व गैस भंडारण,
- गैस संवहन व उत्प्रेरक रासायनिक अभिक्रियाएँ।
- विशेषता: MOF में एक–दो ग्राम सामग्री के भीतर फुटबॉल मैदान जितना सतह क्षेत्र छुपा होता है, जिससे गैस सोखने की क्षमता बेहद अधिक होती है। लचीले MOF‘फेफड़े ’की तरह बदल सकते हैं—गैस अंदर-बाहर कर सकते हैं पर फिर से अपनी आकृति पा लेते हैं।
- महत्त्व: MOF का आविष्कार न सिर्फ मूल विज्ञान, बल्कि हरित प्रौद्योगिकी और पर्यावरणीय संकटों (जल संकट, CO2 प्रदूषण आदि) के समाधान में क्रांतिकारी भूमिका निभा रहा है।
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