भारत में हाथियों की संख्या में गिरावट
- 15 Oct 2025
14 अक्टूबर, 2025 को पर्यावरण मंत्रालय, प्रोजेक्ट एलिफेंट और वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा जारी सिंक्रोनस ऑल-इंडिया एलिफेंट एस्टीमेशन (SAIEE) 2021–25 रिपोर्ट के अनुसार, देश में जंगली हाथियों की अनुमानित संख्या 22,446 पाई गई है-जो 2017 के 27,312 हाथियों की तुलना में लगभग 18% (4,865) कम है।
मुख्य तथ्य:
- नई गणना पद्धति: यह भारत की पहली डीएनए-आधारित हाथी गणना है। इसमें जमीनी सर्वेक्षण, सैटेलाइट मैपिंग और डीएनए फिंगरप्रिंटिंग विधि का संयोजन किया गया। कुल 6.7 लाख किमी वन पथ और 3.1 लाख गोबर नमूनों का अध्ययन कर 21,056 सैंपल से 4,065 अनूठे हाथियों का डीएनए पहचान द्वारा आंकलन किया गया। “मार्क-रिकैप्चर मॉडल” से कुल जनसंख्या अनुमान निकाला गया।
- क्षेत्रीय वितरण:
- पश्चिमी घाट: 11,934 हाथी
- उत्तर-पूर्वी पहाड़ियाँ और ब्रह्मपुत्र मैदानी क्षेत्र: 6,559
- शिवालिक और गंगा मैदान: 2,062
- मध्य भारत व पूर्वी घाट: 1,891
- राज्य स्तर पर कर्नाटक में सर्वाधिक 6,013 हाथी, इसके बाद असम (4,159), तमिलनाडु (3,136), केरल (2,785), उत्तराखंड (1,792) और ओडिशा (912) हैं।
- रिपोर्ट की विशेषता: यह पहली वैश्विक स्तर पर डीएनए-आधारित हाथी गणना परियोजना है, जो टाइगर जनगणना पद्धति पर आधारित है। पहले की गणना (सीधा अवलोकन या गोबर मात्रा) की तुलना में यह अधिक वैज्ञानिक और सटीक है।
- चिंताएँ व कारण :हाथियों के आवास क्षेत्र अब उनके ऐतिहासिक विस्तार के केवल 3.5% तक सिमट गए हैं। प्रमुख कारण: वन क्षेत्र का ह्रास, खनन, सड़क-रेल परियोजनाएँ, और मानव-हाथी संघर्ष से बढ़ती मृत्यु दर (बिजली, दुर्घटनाएँ, प्रतिशोध)।
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