भारत-दक्षिण कोरिया नौसेना द्विपक्षीय अभ्यास
- 15 Oct 2025
14 अक्टूबर, 2025 को भारत और दक्षिण कोरिया के बीच पहला नौसेना द्विपक्षीय अभ्यास (India–Republic of Korea Navy Bilateral Exercise) दक्षिण कोरिया के बसान नौसैनिक बंदरगाह पर आरंभ हुआ। यह आयोजन दोनों देशों के बीच रणनीतिक समुद्री साझेदारी के विस्तार की दिशा में ऐतिहासिक कदम है।
मुख्य तथ्य:
- अभ्यास की संरचना:यह दो चरणों—हॉर्बर (तट आधारित) और सी (समुद्री) चरण—में आयोजित हो रहा है। हॉर्बर फेज़ में दोनों नौसेनाओं के दल पारस्परिक ‘क्रॉस-डेक’ यात्राओं, प्रशिक्षण, खेल प्रतियोगिताओं और सर्वश्रेष्ठ प्रथाओं के साझा अनुभव में भाग ले रहे हैं। इसके बाद समुद्री चरण में संयुक्त संचालन और जटिल नौसैनिक युद्धाभ्यास करेंगे।
- भागीदारी और पृष्ठभूमि:INS सह्याद्रि शिप, स्वदेशी रूप से निर्मित शिवालिक श्रेणी की स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट, 2012 में कमीशन की गई थी और वर्तमान में विशाखापट्टनम स्थित पूर्वी बेड़े के अधीन है। यह भारत की ‘आत्मनिर्भर भारत’ दृष्टि का प्रतीक है और कई द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय अभियानों में भाग ले चुकी है।
- रणनीतिक महत्व:यह अभ्यास हिंद-प्रशांत (Indo-Pacific) क्षेत्र में दोनों देशों की संयुक्त सामरिक भूमिका व समुद्री सुरक्षा सहयोग को सुदृढ़ करेगा। भारत की निरंतर दक्षिण चीन सागर और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में परिचालन तैनाती, उसे एक “विश्वसनीय सुरक्षा भागीदार” (Preferred Security Partner) के रूप में स्थापित करती है।
- भविष्य की दिशा:भारत और दक्षिण कोरिया के बीच बढ़ते रक्षा सहयोग के साथ यह अभ्यास भविष्य में और अधिक विस्तृत व वार्षिक रूप प्राप्त करेगा, जिसमें सामूहिक तकनीकी प्रशिक्षण, आपदा राहत, मानवीय सहायता, और समुद्री डोमेन जागरूकता से जुड़ी गतिविधियाँ शामिल होंगी।
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