रबी फसलों की बुवाई क्षेत्र में वृद्धि
- 30 Dec 2025
30 दिसंबर, 2025 को किये गए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के घोषणा के अनुसार देश में रबी फसलों की बुवाई 614 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में हुई है ।
मुख्य तथ्य:
- कुल बुवाई क्षेत्र: यह 26 दिसंबर तक का आधिकारिक आँकड़ा 614.30 लाख हेक्टेयर है, जो पिछले वर्ष की समान अवधि के 607.43 लाख हेक्टेयर की तुलना में 6.87 लाख हेक्टेयर की वृद्धि दर्शाता है ।
- दलहन बुवाई: दलहन की बुवाई 133 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में हुई है, जो पिछले वर्ष की समान अवधि के 129 लाख हेक्टेयर की तुलना में अधिक है । रिपोर्ट के अनुसार दलहन (उड़द, मसूर, चना, मूंग) का क्षेत्र 129.79 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 133.44 लाख हेक्टेयर (3.65 लाख हेक्टेयर वृद्धि) हुआ है ।
- श्री अन्न एवं मोटे अनाज: कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा जारी रबी फसल क्षेत्र कवरेज की प्रगति रिपोर्ट के अनुसार, श्री अन्न और मोटे अनाज (Coarse Cereals) की बुवाई 49.06 लाख हेक्टेयर से अधिक में हुई है, जो पिछले वर्ष नवंबर में 48 लाख हेक्टेयर थी।
- तिलहन: तिलहन की बुवाई 94 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में हुई है। रेपसीड और सरसों जैसे तिलहनों का क्षेत्र 93.25 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 94.29 लाख हेक्टेयर (1.04 लाख हेक्टेयर वृद्धि) हुआ है ।
- गेहूँ बुवाई: गेहूँ का क्षेत्र 322.49 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 322.68 लाख हेक्टेयर हुआ है । 30 दिसंबर 2024 तक की पिछली रिपोर्ट में गेहूँ 319.74 लाख हेक्टेयर में बोया गया था, जो 2023-24 में 313.00 लाख हेक्टेयर था ।
- बुवाई वृद्धि का कारण: बेहतर मानसून वर्षा ने असिंचित क्षेत्रों (देश की लगभग 50% कृषि भूमि) में बुवाई को सुगम बनाया है, जिससे चालू सीज़न में बोया गया क्षेत्र बढ़ा है ।
सामयिक खबरें
सामयिक खबरें
सामयिक खबरें
राष्ट्रीय
- राजनीति और प्रशासन
- अवसंरचना
- आंतरिक सुरक्षा
- आदिवासियों से संबंधित मुद्दे
- कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएँ
- कार्यकारी और न्यायपालिका
- कार्यक्रम और योजनाएँ
- कृषि
- गरीबी और भूख
- जैवविविधता संरक्षण
- पर्यावरण
- पर्यावरण प्रदूषण, गिरावट और जलवायु परिवर्तन
- पारदर्शिता और जवाबदेही
- बैंकिंग व वित्त
- भारत को प्रभावित करने वाले द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह
- भारतीय अर्थव्यवस्था
- रक्षा और सुरक्षा
- राजव्यवस्था और शासन
- राजव्यवस्था और शासन
- रैंकिंग, रिपोर्ट, सर्वेक्षण और सूचकांक
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी
- शिक्षा
- सरकार की नीतियां और हस्तक्षेप
- सांविधिक, विनियामक और अर्ध-न्यायिक निकाय
- स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दे



