भारत में हिम तेंदुओं का पर्यावास संरक्षण

  • 24 Oct 2020

( 23 October, 2020, , www.pib.gov.in )


23 अक्टूबर, 2020 को अंतरराष्ट्रीय हिम तेंदुआ दिवस के अवसर पर पर्यावरण मंत्रालय ने कहा है कि भारत सरकार 'प्रोजेक्ट हिम तेंदुआ' के माध्यम से हिम तेंदुओं और उनके निवास स्थानों का संरक्षण कर रही है।

महत्वपूर्ण तथ्य: प्रोजेक्ट हिम तेंदुआ को 2009 में लॉन्च किया गया था। भारत 2013 से ‘वैश्विक हिम तेंदुआ और पारितंत्र संरक्षण कार्यक्रम’ (Global Snow Leopard and Ecosystem Protection- GSLEP) में भी शामिल है।

  • सरकार हिम तेंदुए के निवास स्थान संरक्षण के लिए परिदृश्य बहाली (landscape restoration) और स्थानीय हितधारकों को शामिल कर 'भागीदारी परिदृश्य आधारित प्रबंधन योजनाओं (participatory landscape-based management plans) को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है।
  • भारत ने इसके लिए तीन बड़े परिदृश्यों की पहचान की है- लद्दाख और हिमाचल प्रदेश में हेमिस-स्पीति; उत्तराखंड में नंदा देवी - गंगोत्री; और सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में कंचनजंघा - तवांग।
  • भारत की मेजबानी में अक्टूबर 2019 में नई दिल्ली में GSLEP कार्यक्रम की चौथी संचालन समिति की बैठक में मध्य और दक्षिण एशिया के हिम तेंदुओं की सीमा वाले 12 देशों के पर्वतीय पारिस्थितिक तंत्रों के संरक्षण के समाधान को मजबूत करने पर ‘नई दिल्ली वक्तव्य’ जारी किया गया।
  • भारत सरकार ने हिम तेंदुए को उच्च हिमालयी क्षेत्र ((high-altitude Himalayas) की विशिष्ट प्रजाति (flagship species) के रूप में भी चिन्हित किया है।
  • भारत में हिम तेंदुओं का भौगोलिक क्षेत्र पश्चिमी हिमालयी राज्यों और केन्द्र- शासित प्रदेशों जैसे जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में है।