वार्षिक एमबीबीएस प्रवेश विनियमन (2020) के लिए न्यूनतम आवश्यकताएं

  • 03 Nov 2020

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने 31 अक्टूबर, 2020 को 'वार्षिक एमबीबीएस प्रवेश विनियमन (2020) के लिए न्यूनतम आवश्यकताएं' को अधिसूचित किया।

महत्वपूर्ण तथ्य: अधिसूचना 'वार्षिक एमबीबीएस प्रवेश विनियमन (2020) के लिए न्यूनतम आवश्यकताएं' ने तत्कालीन भारतीय चिकित्सा परिषद के ‘मेडिकल कॉलेजों के लिए न्यूनतम मानक आवश्यकताएं, 1999 (वार्षिक प्रवेश)’ का स्थान लिया है।

  • नया विनियमन उन सभी नए मेडिकल कॉलेजों पर लागू होगा, जिनकी स्थापना का प्रस्ताव है और जो पहले स्थापित किया जा चुके हैं तथा अकादमिक वर्ष 2021-22 से अपनी वार्षिक एमबीबीएस प्रवेश संख्या में बढ़ोतरी के इच्छुक हैं।

महत्वपूर्ण परिवर्तन:

  • एक मेडिकल कॉलेज और उससे संबद्ध शैक्षिक अस्पतालों के लिए आवश्यक भूमि की मात्रा की शर्त को हटा दिया गया।
  • छात्रों को प्रशिक्षण देने के लिए पूर्ण रूप से सुसज्जित एक ‘कौशल प्रयोगशाला’ का होना आवश्यक।
  • यह शिक्षा क्षेत्र में चिकित्सा शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के लिए एक 'चिकित्सा शिक्षा इकाई' को भी परिभाषित करता है।
  • पुस्तकालय के लिए आवश्यक स्थान और पुस्तकों तथा पत्रिकाओं की संख्या को तर्कसंगत करते हुए इसमें और कमी का प्रावधान।
  • चिकित्सा छात्रों और हॉस्टल में रहने वाले छात्रों में बढ़ते तनाव को देखते हुए ‘छात्र परामर्श सेवाएं’ अनिवार्य।
  • नये मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए आवेदन के समय कम से कम 2 वर्षों से पूरी तरह संचालित 300 बिस्तर वाले मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल की उपलब्धता अनिवार्य।
  • स्नातक मेडिकल छात्रों के प्रशिक्षण हेतु सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में अब दो नए शैक्षिक विभाग ‘आपातकालीन चिकित्सा सेवा’ तथा ‘शारीरिक चिकित्सा और पुनर्वास विभाग’ का होना अनिवार्य।