संशोधित व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण योजना
- 12 Nov 2020
 
( 11 November, 2020, , www.pib.gov.in )
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में 11 नवंबर, 2020 को मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने सार्वजनिक निजी सहभागिता की आर्थिक और सामाजिक क्षेत्र की ढांचागत परियोजनाओं के लिये संशोधित व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण –वीजीएफ ((Viability Gap Funding- VGF) योजना को मंजूरी प्रदान की।
महत्वपूर्ण तथ्य: इसकी समय अवधि 2024-25 तक है और इसकी कुल लागत 8100 करोड़ रुपये है।
- इस संशोधित योजना में सामाजिक आधारभूत ढांचे में निजी क्षेत्र की सहभागिता को मुख्यधारा में लाने के लिए दो उप-योजनाओं की शुरुआत की गई है।
 
उप-योजना-1: यह योजना सामाजिक क्षेत्रों जैसे अपशिष्ट जल शोधन, जलापूर्ति, ठोस कचरा प्रबंधन, स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्रों की आवश्यकता को पूरा करेगी। इस श्रेणी के तहत पात्र परियोजनाओं की कम-से-कम 100% संचालन लागत पुन: प्राप्ति होनी चाहिए।
- इसमें केन्द्र सरकार वीजीएफ के तहत कुल परियोजना लागत का अधिकतम 30% उपलब्ध कराएगी।
 
उप-योजना-2: यह उप-योजना निरूपण/सामाजिक क्षेत्रों की प्रायोगिक परियोजनाओं को सहायता देगी और ये परियोजनाएं स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्रों से हो सकती है, जहां कम-से-कम 50% संचालन लागत पुन: प्राप्ति हो।
- इन परियोजनाओं में केन्द्र और राज्य सरकारें मिलकर पहले 5 वर्षों में पूंजी लागत का 80% और संचालन एवं रख-रखाव लागत का 50% हिस्सा उपलब्ध कराएंगी।
 
अन्य तथ्य: इस योजना की शुरुआत से 64 परियोजनाओं को ‘अंतिम मंजूरी’ का दर्जा दिया जा चुका है और इनकी कुल परियोजना लागत, 34,228 करोड़ रुपये तथा वीजीएफ 5,639 करोड़ रुपये है।
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