डीआरडीओ की तीन प्रणालियां

  • 19 Dec 2020

( 18 December, 2020, , www.pib.gov.in )


रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 18 दिसंबर, 2020 को थल सेना, नौसेना और वायु सेना को स्वदेशी रूप से विकसित डीआरडीओ की तीन प्रणालियां सौंपी।

महत्वपूर्ण तथ्य: थल सेना अध्यक्ष जनरल एम एम नरवाने को ‘सीमा निगरानी प्रणाली’ (Border Surveillance System- BOSS), नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह को ‘भारतीय समुद्री परिस्थिति संबंधी जागरूकता प्रणाली’ (Indian Maritime Situational Awareness System- IMSAS) और एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया को ‘अस्त्र एमके-I मिसाइल’ (ASTRA Mk-I Missile) सौंपी।

सीमा निगरानी प्रणाली: यह सभी मौसमों में काम करने वाली एक इलेक्ट्रॉनिक निगरानी प्रणाली है, जिसे उपकरण अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान (आईआरडीई), देहरादून द्वारा सफलतापूर्वक डिजाइन और विकसित किया गया है।

  • यह प्रणाली सुदूर संचालन क्षंमता के साथ कठोर एवं अधिक ऊंचाई वाले और उप-शून्य तापमान वाले क्षेत्रों में घुसपैठ का स्वत: पता लगाकर जांच और निगरानी की सुविधा देती है।

भारतीय समुद्री परिस्थिति संबंधी जागरूकता प्रणाली: यह एक अत्याधुनिक, पूरी तरह से स्वदेशी, उच्च प्रदर्शन वाली इंटेलिजन्ट सॉफ्टवेयर प्रणाली है, जो भारतीय नौसेना को वैश्विक समुद्री परिस्थिति चित्रण (Global Maritime Situational Picture), समुद्री नियोजन उपकरण और विश्लेषणात्मक क्षमता प्रदान करती है।

  • सेंटर फॉर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड रोबोटिक्स (सीएआईआर), बेंगलुरू और भारतीय नौसेना ने संयुक्त रूप से इस उत्पाद को विकसित किया है तथा बीईएल, बेंगलुरू ने इसे लागू किया।

अस्त्र एमके-I मिसाइल: यह स्वदेशी रूप से विकसित पहली ‘दृश्य सीमा से परे’ (Beyond Visual Range-BVR) मिसाइल है, जिसे सुखोई-30, हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए), मिग-29 और मिग-29K से प्रक्षेपित किया जा सकता है।

  • इसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला (डीआरडीएल), हैदराबाद द्वारा सफलतापूर्वक विकसित किया गया है।