शिक्षकों और शिक्षक शिक्षा पर रिपोर्ट

  • 20 Mar 2021

अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय ने मार्च 2021 में 'शिक्षकों और शिक्षक शिक्षा रिपोर्ट' पर पहला खंड जारी किया। यह देश में शिक्षक शिक्षा संस्थानों (TEI) के परिदृश्य, निजी शिक्षक शिक्षा संस्थानों में भ्रष्टाचार, शिक्षकों के लिए आवश्यक सहायता प्रणाली और अनुबंधित शिक्षकों की समस्या से संबन्धित जानकारी प्रदान करता है।

महत्वपूर्ण तथ्य: भारत में 17,503 शिक्षक शिक्षा संस्थानों में से 90% से अधिक निजी स्वामित्व वाली स्वतंत्र संस्थाएं हैं, जो कुछ भौगोलिक क्षेत्रों में स्थानीय कार्यक्रमों की पेशकश करती हैं।

  • चार राज्य, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र और तमिलनाडु, देश के सभी शिक्षक शिक्षा संस्थानों में 54% हिस्सेदारी रखते हैं। केवल 12 राज्यों / केंद्र-शासित प्रदेशों में प्रत्येक जिले में कम से कम एक शिक्षक शिक्षा संस्थान है।
  • इनमें भ्रष्टाचार का स्तर चिंताजनक है। कई दोयम दर्जे के निष्क्रिय शिक्षक शिक्षा संस्थान वाणिज्यिक दुकानों के रूप में कार्य कर रहे हैं।
  • शिक्षक शिक्षा संस्थानों ने जानबूझकर बुनियादी पाठयक्रम आवश्यकताओं की उपेक्षा की है। कक्षाएं न तो गंभीरता से संचालित की जाती हैं और न ही छात्रों द्वारा गंभीरता से ली जाती हैं।
  • अधिकांश TEI में बुनियादी अनुदेशात्मक सुविधाएं नहीं थीं। उदाहरण के लिए, पाठ्यक्रम प्रयोगशालाएं 50% से अधिक में उपलब्ध नहीं थीं, जबकि 30% में पुस्तकालय, कंप्यूटर लैब या सेमिनार हॉल नहीं थे।
  • ऐसे संविदा शिक्षकों का प्रचलन बढ़ रहा है, जिन्हें अल्प या कम लाभ के साथ अपर्याप्त वेतन पर अल्प अवधि के लिए भर्ती किया जाता है।