आकांक्षी जिलों में जनजातीय समूहों के लिए वन धन पहल

  • 26 May 2021

25 मई, 2021 को ट्राइफेड ने भारत के सभी ‘आकांक्षी जिलों में जनजातीय समूहों के लिए वन धन पहल’ को लागू करने के लिए नीति आयोग के साथ साझेदारी करने का निर्णय लिया है।

महत्वपूर्ण तथ्य: जनजातीय कार्य मंत्रालय के अंतर्गत ट्राईफेड की एक समर्पित टीम के साथ नीति आयोग की टीम 39 जनजातीय आकांक्षी जिलों के प्रत्येक जिले में वन धन योजना को लागू करने के लिए एक अनुवर्ती योजना (follow-up-plan) तैयार करेगी।

  • इनमें आंध्र प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, गुजरात, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, ओडिशा, तेलंगाना और त्रिपुरा के जिले शामिल हैं
  • इसमें उन आकांक्षी जिलों पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाएगा, जहां पर जनजातीय आबादी 50% से ज्यादा है।
  • जनजातीय विकास कार्यक्रम की विस्तार योजना के तहत, इन जनजातीय आकांक्षी जिलों में फैले अतिरिक्त 9900 वन धन विकास केंद्रों को 659 वन धन विकास केंद्र क्लस्टरों (समूहों) में शामिल करने की परिकल्पना की गई है।
  • इससे लगभग 2 लाख जनजातीय परिवारों के रोजगार सृजन में बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
  • एक सामान्य वन धन विकास केंद्र में 20 जनजातीय सदस्य शामिल होते हैं। ऐसे 15 वन धन विकास केंद्र मिलकर 1 वन धन विकास केंद्र क्लस्टर बनाते हैं।
  • वन धन विकास योजना, वनोपज आधारित जनजातियों के लिए स्थायी आजीविका सृजन हेतु एक कार्यक्रम है, जिसके तहत वन धन केंद्रों की स्थापना करके लघु वन उपज का मूल्य संवर्धन, ब्रांडिंग और विपणन किया जाता है। इसे 14 अप्रैल, 2018 को शुरू किया गया था।