कालाजार संभावित चिकित्सीय रणनीति विकसित

  • 18 Aug 2021

अगस्त 2021 में भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के एक स्वायत्त संस्थान, नैनो विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान (INST) के शोधकर्ताओं ने अब तक उपेक्षित एक उष्णकटिबंधीय बीमारी ‘कालाजार’ (Visceral Leishmaniasis) के खिलाफ एक शरीर में बिना सुई के प्रविष्ट हो सकने वाली कम लागत प्रभावी और रोगी के अनुरूप संभावित चिकित्सीय रणनीति विकसित की है।

महत्वपूर्ण तथ्य: विटामिन बी12 के साथ लेपित नैनो कैरियर-आधारित मौखिक दवाओं (Oral Drugs) पर आधारित शोधकर्ताओं की इस रणनीति ने ‘मौखिक जैव-उपलब्धता और उपचार’ oral bioavailability and efficacy of the therapy) की प्रभावकारिता को 90% से अधिक बढ़ा दिया है ।

  • कालाजार एक जटिल संक्रामक रोग है, जो मादा ‘फ्लेबोटोमाइन सैंडफ्लाइज’ (Phlebotomine sandflies) मक्खियों के काटने से फैलता है।
  • यह एक उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग (neglected tropical disease) है, जो प्रति वर्ष लाखों लोगों को प्रभावित करती है, जिससे यह मलेरिया के बाद दूसरा सबसे आम परजीवी प्राणघातक रोग बन जाता है।
  • उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग 20 संक्रामक रोगों का एक विविध समूह है, जो मुख्य रूप से उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में प्रचलित हैं, जहां ये ज्यादातर गरीब समुदायों को प्रभावित करते हैं।
  • नैनो विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान, मोहाली (पंजाब), विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST), भारत सरकार का एक स्वायत्त संस्थान है, जिसे नैनो मिशन की छत्रछाया में स्थापित किया गया है। इसे DST द्वारा भारत में नैनो विज्ञान और नैनो प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया है।