चावल पोषण संवर्धन योजना

  • 20 Aug 2021

महिलाओं और बच्चों में कुपोषण के स्तर को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त, 2021 को वर्ष 2024 तक स्कूलों में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) और ‘मध्याह्न भोजन’ सहित विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत ‘पोषण संवर्धित चावल’ (Fortified rice) वितरित किए जाने की घोषणा की।

महत्वपूर्ण तथ्य: केंद्रीय खाद्य मंत्रालय के अनुसार, देश में हर दूसरी महिला रक्ताल्पता से पीड़ित (anaemic) है और हर तीसरा बच्चा नाटेपन का शिकार (stunted) है।

  • भारत वैश्विक भुखमरी सूचकांक 2020 में 107 देशों की सूची में 94वें स्थान पर है और इसे भुखमरी से संबंधित ‘गंभीर श्रेणी’ में रखा गया है।
  • सरकार द्वारा ‘राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम’ (NFSA), 2013 के अनुसार विभिन्न योजनाओं के तहत 300 लाख टन से अधिक चावल वितरित किया जाता है।

पोषण संवर्धित खाद्यान्न: ‘भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण’ (FSSAI) के अनुसार, ‘किसी खाद्यान्न को पोषणयुक्त बनाने के लिए उसमें आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्वों अर्थात् विटामिन और खनिज तत्वों की मात्रा में वृद्धि करने की प्रकिया ‘पोषण संवर्धित खाद्यान्न’ (Food Fortification) है।

पोषण संवर्धित चावल: FSSAI द्वारा निर्धारित मानदंडों के अनुसार, 1 किग्रा पोषणयुक्त चावल (Fortified rice) में आयरन (28 -42.5 मिलीग्राम), फोलिक एसिड (75-125 माइक्रोग्राम) और विटामिन B-12 (0.75-1.25 माइक्रोग्राम) होगा।

  • इसके अलावा, चावल को सूक्ष्म पोषक तत्वों, जस्ता (10 -15 मिलीग्राम), विटामिन A (500-750 माइक्रोग्राम आरई), विटामिन B-1 (1 मिलीग्राम-1.5 मिलीग्राम), विटामिन B-2 (1.25 -1.75 मिलीग्राम), विटामिन B-3 (12.5 -20 मिलीग्राम) और विटामिन B-6 (1.5 - 2.5 मिलीग्राम) प्रति किग्रा. के साथ भी संवर्धित किया जाएगा।