भारत गौरव काशी दर्शन

  • 11 Nov 2022

11 नवंबर, 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीने बेंगलुरु के क्रांतिवीर संगोली रायण्णा रेलवे स्टेशन पर ‘भारत गौरव काशी दर्शन’ ट्रेन को हरी झंडी दिखाई। इसके बाद देश की 5वींवंदे भारत एक्सप्रेस’ ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाई।

महत्वपूर्ण बिंदु -

  • ‘भारत गौरव काशी दर्शन’- रेलवे की ‘भारत गौरव’ ट्रेन नीति के तहत चलाई जाएगी। यह काशी की यात्रा करने को इच्छुक कई यात्रियों के सपने को पूरा करेगी।
  • इस ट्रेन में यात्रा के लिए 8 दिन का एक यात्रा पैकेज उपलब्ध होगा, जिसमें श्रद्धालुओं को विशेष छूट दी मिलेगी, जिसमें तीर्थयात्रियों को अतिरिक्त 5 हजार रुपये भी दिया जायेगा।
  • वन्दे भारत ट्रेन- यह ट्रेन बेंगलुरु के रास्ते मैसूर और चेन्नई के बीच चलेगी। यह दक्षिण भारत की पहली वन्देभारत ट्रेन है|
  • इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने नादप्रभु केम्पेगौड़ा की 108 फुट ऊंची कांस्य प्रतिमा का अनावरण भी किया।

‘नादप्रभु’ केम्पेगौड़ा की 108 फुट ऊंची कांस्य की प्रतिमा का अनावरण

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 नवम्बर, 2022 को बेंगलुरु के संस्थापक ‘नादप्रभु’ केम्पेगौड़ा की 108 फुट ऊंची कांस्य की प्रतिमा का अनावरण किया.
  • 220 टन वजनी यह प्रतिमा केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर स्थापित की गई है. इसमें लगी तलवार का वजन चार टन है.
  • इस प्रतिमा को ‘स्टैच्यू ऑफ प्रॉस्पेरिटी’ (समृद्धि की प्रतिमा) नाम प्रदान किया गया है.
  • यह प्रतिमा बेंगलुरु के विकास में शहर के संस्थापक केम्पेगौड़ा के योगदान की याद में बनाई गई है.

मुख्य विन्दु

  • ‘नादप्रभु’ केम्पेगौड़ा की मूर्ति को जानेमाने मूर्तिकार और पद्म भूषण से सम्मानित राम वनजी सुतार ने तैयार किया है.
  • अनावरण से पहले ही केम्पेगौड़ा की 108 फुट ऊंची प्रतिमा को ‘वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स’ में जगह मिल गई थी.
  • वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के अनुसार ‘स्टैच्यू ऑफ प्रॉस्पेरिटी’ किसी शहर के संस्थापक की पहली और सबसे ऊंची कांस्य प्रतिमा है.
  • नादप्रभु केम्पेगौड़ा विजयनगर साम्राज्य के एक शासक थे.
  • उन्हें 16वीं शताब्दी में बेंगलुरु के संस्थापक के रूप में भी जाना जाता है.
  • मोरासु गौड़ा वंश के वंशज, केम्पेगौड़ा को अपने समय के सबसे शिक्षित और सफल शासकों में से एक माना जाता है.
  • कैम्पेगौड़ा के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने लगभग 46 साल तक विजयनगर साम्राज्य पर शासन किया था.