भारत के 50वें सीजेआई : न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़

  • 12 Nov 2022

9 नवंबर, 2022 को न्यायमूर्ति धनंजय वाई चंद्रचूड़ ने भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में शपथ ग्रहण किया। उन्हें उनकी पद की शपथ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा दिलाई गई।

  • न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ का अपेक्षाकृत दो वर्ष का लंबा कार्यकाल होगा और वे 10 नवंबर, 2024 को सेवानिवृत्त होंगे।
  • जस्टिस चंद्रचूड़ भारत के 16वें चीफ जस्टिस वाई. वी. चंद्रचूड़ के बेटे हैं। उनके पिता का बतौर सीजेआई करीब 7 वर्ष एवं 4 महीने का कार्यकाल रहा था। जो कि सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में किसी सीजेआई का अब तक सबसे लंबा कार्यकाल है।

प्रधान न्यायाधीश की नियुक्ति की प्रक्रिया

  • भारतीय संविधान में प्रधान न्यायाधीश (CJI) की नियुक्ति के संबंध में किसी "प्रक्रिया" का उल्लेख नहीं किया गया है।
  • संविधान का अनुच्छेद 124 (1) केवल यह कहता है कि भारत का एक सर्वोच्च न्यायालय होगा, जो भारत के मुख्य न्यायाधीश तथा अन्य न्यायाधीशों से मिलकर बनेगा।
  • अनुच्छेद 124 का खंड (2) कहता है कि सर्वोच्च न्यायालय के प्रत्येक न्यायाधीश की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाएगी।
  • इस प्रकार, नियुक्ति की प्रक्रिया से संबंधित स्पष्ट संवैधानिक प्रावधान के अभाव में, सीजेआई की नियुक्ति की प्रक्रिया परंपरा पर निर्भर करती है
  • यह एक प्रथा या परंपरा रही है कि निवर्तमान सीजेआई वरिष्ठता के आधार पर अपने उत्तराधिकारी की सिफारिश करते हैं। हालांकि, दो बार इस प्रथा का उल्लंघन भी हुआ है।

राष्ट्रपति द्वारा नियुक्ति

  • अनुच्छेद 124 के खंड (2) के तहत भारत के मुख्य न्यायाधीश तथा सर्वोच्च न्यायालय के अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
  • इसी प्रकार अनुच्छेद 217 उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति से संबंधित है, जो यह कहता है कि राष्ट्रपति, भारत के मुख्य न्यायाधीश, संबंधित उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और राज्यपाल से परामर्श के पश्चात उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति करेगा।
  • भारत के मुख्य न्यायाधीश का कार्यकाल 65 वर्ष की आयु प्राप्त करने तक होता है, जबकि उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के संबंध में यह आयु सीमा 62 वर्ष है।

न्यायाधीश के रूप में नियुक्त होने संबंधी योग्यताएं

  • अनुच्छेद 124 (3) के अनुसार सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीश के रूप में नियुक्त होने के लिए व्यक्ति में निम्नलिखित योग्यताएं होनी चाहिए:
  • वह भारत का नागरिक हो तथा
  • किसी उच्च न्यायालय का या ऐसे दो या अधिक न्यायालयों का लगातार कम से कम 5 वर्ष तक न्यायाधीश रहा हो या
  • किसी उच्च न्यायालय का या ऐसे दो या अधिक न्यायालयों का लगातार कम से कम 10 वर्ष तक अधिवक्ता रहा हो; या
  • राष्ट्रपति की राय में पारंगत विधिवेत्ता हो।

प्रधान न्यायाधीश (CJI) के कार्य

  • मामलों का आवंटन:
    • सर्वोच्च न्यायालय के प्रमुख के रूप में सीजेआई मामलों के आवंटन और संवैधानिक पीठों की नियुक्ति के लिए जिम्मेदार है जो कानून के महत्वपूर्ण मामलों से निपटती हैं।
    • संविधान के अनुच्छेद 145 और सुप्रीम कोर्ट के प्रक्रिया नियम 1966 के अनुसार, मुख्य न्यायाधीश अन्य न्यायाधीशों को सभी कार्य आवंटित करता है।
  • प्रशासनिक दायित्व: प्रशासनिक रूप से सीजेआई निम्नलिखित कार्य करता है:
    • रोस्टर का रखरखाव;
    • न्यायालय के अधिकारियों की नियुक्ति और
    • सर्वोच्च न्यायालय के पर्यवेक्षण और कामकाज से संबंधित सामान्य और विविध मामलों को देखना।