लॉयन @ 47: विजन फॉर अमृतकाल

  • 09 Jan 2023

22 दिसंबर, 2022 को पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा 'लॉयन @ 47: विजन फॉर अमृतकाल' (Lion @ 47: Vision for Amrutkal) शीर्षक से एक प्रोजेक्ट लायन दस्तावेज़ (Project Lion document) लॉन्च किया गया।

महत्वपूर्ण बिंदु

  • गुजरात का बर्दा वन्यजीव अभयारण्य: इसकी पहचान एशियाई शेरों (Asiatic lions) के संभावित दूसरे घर (Potential second home) के रूप में की गई है।
    • यह पोरबंदर के पास स्थित है जो गिर राष्ट्रीय उद्यान (Gir National Park) से लगभग100 किलोमीटर दूर है।
  • शेर के संदर्भ में: पृथ्वी पर जाने वाली सबसे बड़ी पशु प्रजातियों में से एक 'शेर' (Lion) को वैज्ञानिक रूप से 'पैंथेरा लियो' (Panthera Leo) नाम से जाना जाता है।
  • एशियाई शेरों की IUCN स्थिति: लुप्तप्राय (Endangered)

प्रोजेक्ट लॉयन (Project Lion)

  • परिचय: इस परियोजना के अंतर्गत गुजरात में संरक्षण एवं पर्यावरण-विकास को एकीकृत (Integrating conservation and eco-development) करके एशियाई शेरों के पारिस्थितिकी-आधारित संरक्षण (Ecology-based conservation) की परिकल्पना की गई है।
    • इस परियोजना को गुजरात में गिर राष्ट्रीय उद्यान में लागू किया जा रहा है, जो वर्तमान समय में भारत में एशियाई शेरों का एकमात्र निवास स्थान है।
  • उद्देश्य: इसके उद्देश्यों में शामिल हैं-
    • शेरों की बढ़ती आबादी के प्रबंधन हेतु उनके आवासों को सुरक्षित और पुनर्स्थापित करना।
    • स्थानीय समुदायों की भागीदारी के साथ उनकी आजीविका एवं उत्पादन को बढ़ावा देना।
    • शेर एवं चीते जैसी बिल्ली की विशाल प्रजातियों (Big Cats) में होने वाली बीमारियों के उपचार तथा रोगों के निदान के वैश्विक केंद्र के रूप में पहचान स्थापित करना।
    • प्रोजेक्ट लायन पहल (Project lion initiative) के माध्यम से समावेशी जैव विविधता संरक्षण को बढ़ावा देना।
  • वितरण: एशियाई शेरों का वितरण वर्तमान समय में गुजरात के 9 जनपदों- जूनागढ़, गिर सोमनाथ, अमरेली, भावनगर, बोटाड, पोरबंदर, जामनगर, राजकोट एवं सुरेंद्रनगर के लगभग 30,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में है। इस क्षेत्र को सामूहिक रूप से एशियाटिक लायन लैंडस्केप (Asiatic Lion Landscape) कहा जाता है।