केन-बेतवा लिंक परियोजना

  • 18 Jan 2023

18 जनवरी, 2023 को नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में ‘केन-बेतवा लिंक परियोजना की संचालन समिति’ [Steering Committee of Ken-Betwa Link Project (SC-KBLP)] की तीसरी बैठक आयोजित की गई।


  • जल शक्ति मंत्रालय के अधिकारियों, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश राज्य के प्रतिनिधियों और विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों तथा नीति आयोग के अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
  • केन और बेतवा नदी के बारे में: यह यमुना की सहायक नदियां हैं तथा इन नदियों का उद्गम स्थल मध्य प्रदेश में है। केन नदी उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में जबकि बेतवा नदी उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में यमुना नदी में मिलती है। केन नदी पन्ना बाघ अभयारण्य से होकर गुजरती है।

परियोजना के बारे में

  • मंजूरी: दिसंबर 2021 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 44,605 करोड़ रुपये की कुल लागत से केन-बेतवा लिंक परियोजना (KBLP) को मंजूरी दी थी।
  • उद्देश्य: नदियों को आपस में जोड़कर उत्तर प्रदेश के सूखाग्रस्त बुंदेलखंड क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने हेतु मध्य प्रदेश की केन नदी के अधिशेष जल को बेतवा नदी में हस्तांतरित करना।
  • बांध एवं नहर: इस परियोजना में 77 मीटर लंबा और 2 किमी. चौड़ा दौधन बांध (Dhaudhan Dam) और 230 किलोमीटर लंबी नहर का निर्माण सम्मिलित है।
  • परियोजना हेतु जल-प्राप्ति: परियोजना के अंतर्गत दोनों नदियों को जोड़ने वाला नहर, पन्ना टाइगर रिजर्व के भीतर केन नदी पर बनने वाले दौधन बांध (Daudhan Dam) से जल प्राप्त करेगा।
  • कवरेज: यह नहर छतरपुर, टीकमगढ़ और झांसी जिलों से होकर गुजरेगा तथा इस परियोजना से हर साल 6.3 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई होने की उम्मीद है।
  • वृहद पन्ना भू-भाग परिषद: परियोजना के तहत भू-भाग प्रबंधन योजना [Landscape Management Plan (LMP)] तथा पर्यावरण प्रबंधन योजना [Environment Management Plan (EMP)] के क्रियान्वयन के लिये एक ‘वृहद पन्ना भू-भाग परिषद’ (Greater Panna Landscape Council) का भी गठन किया जा रहा है।

राष्ट्रीय नदी जोड़ो परियोजना

  • परिचय: राष्ट्रीय नदी जोड़ो परियोजना (NRLP) को राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना (National Perspective Plan) के रूप में भी जाना जाता है, जिसका उद्देश्य भारतीय नदियों को जलाशयों और नहरों के नेटवर्क के माध्यम से आपस में जोड़ना है।
  • लक्ष्य: इसका मुख्य लक्ष्य जल अधिशेष बेसिन, जहां जल की मात्रा अधिक है, से जल की कमी वाले बेसिन में जल का हस्तांतरण करना है, ताकि बाढ़ और सूखे जैसी समस्याओं का समाधान किया जा सके।
  • निर्माणः यह योजना अगस्त 1980 में तत्कालीन सिंचाई मंत्रालय द्वारा तैयार की गयी थी।
  • प्रबंधनः राष्ट्रीय नदी जोड़ो परियोजना को जल शक्ति मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय जल विकास एजेंसी (National Water Development Agency - NWDA) द्वारा प्रबंधित किया जाता है।
  • घटकः परियोजना के दो घटकों प्रायद्वीपीय क्षेत्र और हिमालयी क्षेत्र के तहत भारत की 30 नदियों को जोड़ने का प्रस्ताव है, जिसमें हिमालयी नदी विकास घटक के तहत 14 नदियों एवं प्रायद्वीपीय नदी विकास घटक या दक्षिणी जल ग्रिड के तहत 16 नदियों की पहचान की है। केन बेतवा लिंक परियोजना इनमें से एक है।