विश्व बैंक ‘एमएसएमई आपातकालीन उपाय कार्यक्रम’

  • 13 Jul 2020

विश्व बैंक और भारत सरकार ने 6 जुलाई, 2020 को एमएसएमई आपातकालीन उपाय कार्यक्रमके लिए 750 मिलियन डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर किए।

  • उद्देश्‍य: कोविड-19 संकट से बुरी तरह प्रभावित सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को वित्त का प्रवाह बढ़ाने में आवश्‍यक सहयोग प्रदान करना।
  • महत्वपूर्ण तथ्य: विश्व बैंक का एमएसएमई आपातकालीन उपाय कार्यक्रमलगभग 1.5 मिलियन लाभप्रद एमएसएमई की नकदी और ऋण संबंधी तात्कालिक आवश्यकताओं को पूरा करेगा।
    • भारत सरकार वित्तीय सेक्‍टर में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध तरलता का प्रवाह एनबीएफसी की ओर सुनिश्चित करने पर फोकस कर रही है ।

    • विश्व बैंक समूह, जिसमें उसकी निजी क्षेत्र शाखा अंतरराष्ट्रीय वित्त निगम (आईएफसी) भी शामिल हैं, एमएसएमई सेक्‍टर की रक्षा के लिए सरकार द्वारा की गई पहलों में इन कदमों के जरिए आवश्‍यक सहयोग देगा- तरलता को उन्‍मुक्‍त करना, एनबीएफसी और स्मॉल फाइनेंस बैंक (एसएफबी) की वित्‍त पोषण क्षमता बढ़ाना तथा वित्तीय नवाचारों को सक्षम करना।

    • अंतरराष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक (आईबीआरडी) से मिलने वाले 750 मिलियन डॉलर के ऋण की परिपक्वता अवधि 19 साल है, जिसमें 5 साल की मोहलत अवधि भी शामिल है।

    • विश्व बैंक ने एमएसएमई परियोजना सहित भारत के आपातकालीन कोविड-19 उपायों में आवश्‍यक सहयोग देने के लिए अब तक 2.75 अरब डॉलर देने की प्रतिबद्धता व्‍यक्‍त की है।