‘भारत में मातृ मृत्यु 2016-18’ पर विशेष बुलेटिन

  • 20 Jul 2020

रजिस्ट्रार जनरल के प्रतिदर्श पंजीकरण प्रणाली (Sample Registration System) कार्यालय द्वारा जारी ‘भारत में मातृ मृत्यु 2016-18’ पर विशेष बुलेटिन के अनुसार, भारत के मातृ मृत्यु अनुपात (एमएमआर) में एक वर्ष में 9 अंकों की गिरावट दर्ज की गई है।

महत्वपूर्ण तथ्य: भारत में मातृ मृत्यु अनुपात (MMR) 2011-13 में 167 वहीं 2014-2016 में 130 तथा 2015-17 में 122 से घटकर 2016-18 में 113 रह गया है।

  • मातृ मृत्यु दर के प्रमुख संकेतकों में से एक मातृ मृत्यु अनुपात है, जिसे प्रति 1,00,000 जीवित जन्मों में मातृ मृत्यु (Maternal death) की संख्या के रूप में परिभाषित किया गया है।

  • गर्भवती होने पर या गर्भावस्था एवं उसके प्रबंधन से संबंधित किसी भी कारण से या गर्भावस्था की समाप्ति के 42 दिनों के भीतर महिला की मृत्यु 'मातृ मृत्यु' कहलाती है।

  • संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) लक्ष्य 3.1 का उद्देश्य वैश्विक मातृ मृत्यु अनुपात को प्रति 100,000 जीवित जन्मों में 70 से कम तक कम करना है।

  • एसडीजी लक्ष्य हासिल करने वाले राज्यों की संख्या अब 3 से बढ़कर 5 हो गई है। इन राज्यों में केरल (43), महाराष्ट्र (46) तमिलनाडु (60), तेलंगाना (63) और आंध्र प्रदेश (65) शामिल हैं।

  • देश में 11 राज्यों ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति द्वारा निर्धारित एमएमआर के लक्ष्य (प्रति 100,000 जीवित जन्मों में 100 से कम) को प्राप्त किया है, जिसमें सतत विकास लक्ष्य हासिल करने वाले 5 राज्य तथा झारखंड (71), गुजरात (75), हरियाणा (91), कर्नाटक (92), पश्चिम बंगाल (98) और उत्तराखंड (99) शामिल हैं।