समसामयिकी -06 June 2022
सामयिक खबरें अंतर्राष्ट्रीय
भारत - नेपाल संबंध
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर 16 मई, 2022 को लुंबिनी की आधिकारिक यात्रा पर रहे।
महत्वपूर्ण तथ्य: प्रधानमंत्री ने बुद्ध के जन्म स्थान लुंबिनी में 'इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर एंड मेडिटेशन हॉल' में आयोजित 2566वें बुद्ध जयंती समारोह में भाग लिया।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा के साथ लुंबिनी मठ क्षेत्र में 'भारत अंतरराष्ट्रीय बौद्ध संस्कृति और विरासत केंद्र' के निर्माण के लिए शिलान्यास किया।
- इस बौद्ध संस्कृति केंद्र का निर्माण अंतरराष्ट्रीय बौद्ध संघ (IBC), नई दिल्ली द्वारा किया जाएगा। यह एक आधुनिक इमारत होगी, जो ऊर्जा, जल और अपशिष्ट प्रबंधन के मामले में नेट जीरो के मानकों के अनुरूप होगी, और इसमें प्रार्थना कक्ष और ध्यान केंद्र होंगे।
- प्रधानमंत्री ने लुंबिनी में मायादेवी मंदिर के दर्शन भी किए, जो बुद्ध की माता को समर्पित है।
समझौते: बौद्ध अध्ययन के लिए डॉ. अम्बेडकर पीठ की स्थापना पर भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद और लुंबिनी बौद्ध विश्वविद्यालय के बीच समझौता ज्ञापन।
- भारतीय अध्ययन की आईसीसीआर पीठ की स्थापना पर भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) और काठमांडू विश्वविद्यालय के बीच समझौता ज्ञापन।
- मास्टर स्तर पर संयुक्त डिग्री कार्यक्रम के लिए काठमांडू विश्वविद्यालय और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास के बीच समझौता।
- अरुण 4 परियोजना के विकास और कार्यान्वयन के लिए एसजेवीएन लिमिटेड और नेपाल विद्युत प्राधिकरण के बीच एक समझौते पर भी हस्ताक्षर किए गए।
सामयिक खबरें विज्ञान-प्रौद्योगिकी
जीएम फसल अनुसंधान मानदंडों में ढील
भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) ने 20 मई, 2022 को आनुवंशिक रूप से संशोधित (जीएम) फसलों में अनुसंधान के लिए मानदंडों को आसान बनाने और फसलों की रूपरेखा (प्रोफाइल) को बदलने के लिए विदेशी जीन का उपयोग करने संबंधी चुनौतियों को दूर करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
आनुवंशिक रूप से संशोधित पादपों के सुरक्षा आकलन हेतु दिशा-निर्देश 2022: पौधे के जीनोम को संशोधित करने के लिए ‘जीन-संशोधन तकनीक’ (Gene-Editing Technology) का उपयोग करने वाले शोधकर्ताओं को ‘जेनेटिक इंजीनियरिंग आंकलन समिति’ (Genetic Engineering Appraisal Committee- GEAC) से अनुमोदन प्राप्त करने से छूट दी गई है।
- GEAC जीएम पादप/फसलों में अनुसंधान का मूल्यांकन करता है और खेती के लिए इसकी सिफारिश करता है या इसे अस्वीकृत करता है।
- हालांकि अंतिम निर्णय पर्यावरण मंत्री के साथ-साथ उन राज्यों द्वारा लिया जाता है, जहां ऐसे पादप/फसलों की खेती की जाती है।
- पर्यावरण मंत्रालय ने भी इस छूट को मंजूरी दे दी है।
जीनोम संशोधन (Genome editing): इसमें उन तकनीकों का प्रयोग शामिल है, जिनके माध्यम से जीनोम में विशेष स्थानों पर आनुवंशिक सामग्री को प्रविष्ट कराया जाता है, हटाया या परिवर्तित किया जा सकता है।
- जीनोम संशोधन के लिए कई पद्धति विकसित की गई हैं। इनमें प्रमुख है - 'क्रिस्पर-कैस9’ (CRISPR-Cas9), जो Clustered regularly interspaced short palindromic repeats and CRISPR-associated protein 9 का संक्षिप्त रूप है।
सामयिक खबरें विज्ञान-प्रौद्योगिकी
भारत का पहला 5जी टेस्टबेड
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 मई, 2022 को देश के पहले '5जी टेस्टबेड' (5G testbed) का उद्घाटन किया, जिससे स्टार्टअप और उद्योग जगत स्थानीय स्तर पर अपने उत्पादों का परीक्षण कर सकेंगे और विदेशी सुविधाओं पर निर्भरता कम होगी।
(Image Source: https://news2news.in/)
महत्वपूर्ण तथ्य: 5जी टेस्टबेड को लगभग 220 करोड़ रुपए की लागत से आईआईटी मद्रास परिसर में स्थापित किया गया है।
- 5जी टेस्टबेड को आईआईटी मद्रास के नेतृत्व में आठ संस्थानों द्वारा एक बहु-संस्थान सहयोगी परियोजना के रूप में विकसित किया गया है।
- टेस्टबेड की सुविधा 5 अलग-अलग स्थानों पर उपलब्ध होगी।
- 5जी टेस्टबेड की अनुपस्थिति में, स्टार्टअप और उद्योग जगत को 5जी नेटवर्क के लिए अपने उत्पादों का परीक्षण दूसरे देशों में करना पड़ता था।
- 19 मई को भारत ने दूरसंचार क्षेत्र में एक ऐतिहासिक तकनीकी सफलता हासिल की, जब केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आईआईटी मद्रास में देश की पहली 5जी कॉल की।
सामयिक खबरें पर्यावरण
माया पिट वाइपर
हाल में मेघालय के री-भोई जिले के उमरोई मिलिट्री स्टेशन से उभयसृपविज्ञानवेत्ताओं या हर्पेटोलॉजिस्ट (herpetologists) की एक टीम ने जहरीले सांप की एक नई प्रजाति 'माया पिट वाइपर' (Maya’s Pit viper) की खोज की है।
(Image Source: https://www.thehindu.com/)
महत्वपूर्ण तथ्य: इस विषैले सांप की लंबाई लगभग 750 मिमी है। इसका वैज्ञानिक नाम 'त्रिमेरेसुरस मायाए' (Trimeresurus mayaae) है।
- यह देखने में 'पोप्स पिट वाइपर' (Pope’s Pit Viper) से काफी मिलता-जुलता है लेकिन इसकी आंखों का रंग अलग है।
- माया पिट वाइपर और पोप्स पिट वाइपर के हेमेपेनिस यानी मैथुन संबंधी अंग (hemepenis) भी अलग- अलग प्रकार के हैं।
- सेना के एक अधिकारी की दिवंगत मां 'माया' के नाम पर सांप को 'माया पिट वाइपर' नाम दिया गया है।
- हर्पेटोलॉजी (Herpetology) उभयचरों और सरीसृपों के अध्ययन से संबंधित प्राणी विज्ञान की शाखा है।
- एक अनुमान के अनुसार भारत में पिछले दो दशकों में लगभग 12 लाख लोग सर्पदंश के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं और कई अन्य लोगों ने अपने अंग खो दिए हैं।
सामयिक खबरें पर्यावरण
यूएनसीसीडी कॉप-15
संयुक्त राष्ट्र मरुस्थलीकरण रोकथाम अभिसमय- यूएनसीसीडी (United Nations Convention to Combat Desertification: UNCCD) के पक्षकारों का सम्मेलन कॉप-15 (COP-15) 9 से 20 मई, 2022 तक आबिदजान, कोट डी आइवर (आइवरी कोस्ट) में आयोजित किया गया।
(Image Source: https:// https://www.unccd.int/)
कॉप-15 का विषय: 'भूमि, जीवन, विरासत: अभाव से समृद्धि की ओर' (Land, Life, Legacy: From scarcity to prosperity)।
महत्वपूर्ण तथ्य: केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने UNCCD के पक्षकारों के सम्मेलन के 15वें सत्र में राष्ट्र की ओर से वक्तव्य दिया।
- भारत ने 2019 में नई दिल्ली में UNCCD के चौदहवें सत्र की मेजबानी की थी।
कॉप-15 में प्रमुख नई प्रतिबद्धतायें: 2030 तक एक अरब हेक्टेयर अवक्रमित भूमि (degraded land की बहाली में तेजी लाना;
- शुष्क भूमि के विस्तार की पहचान करके, राष्ट्रीय नीतियों में सुधार करके और पूर्व चेतावनी, निगरानी और मूल्यांकन करके सूखे के प्रति अनुकूलन को बढ़ावा देना;
- 2022-2024 के लिए सूखे पर एक अंतर सरकारी कार्य समूह की स्थापना करना;
- मरुस्थलीकरण और भूमि क्षरण से प्रेरित प्रवासन और विस्थापन के समाधान का प्रयास करना;
- भूमि प्रबंधन में महिलाओं की भागीदारी में सुधार करना और;
- रेत और धूल भरी आंधी और अन्य बढ़ते आपदा जोखिमों से निपटना।
अन्य तथ्य: UNCCD और उसके सहायक निकायों के लिए पक्षकारों के सम्मेलन की भविष्य की बैठकें सऊदी अरब (2024 में COP-16) और मंगोलिया (2026 में COP-17) में आयोजित की जाएंगी।
संयुक्त राष्ट्र मरुस्थलीकरण रोकथाम अभिसमय (UNCCD): इसकी स्थापना 1994 में हमारी भूमि की रक्षा और बहाली और एक सुरक्षित, न्यायपूर्ण और अधिक टिकाऊ भविष्य सुनिश्चित करने के लिए की गई थी।
- यह मरुस्थलीकरण और सूखे के प्रभावों को दूर करने के लिए स्थापित एकमात्र कानूनी रूप से बाध्यकारी समझौता है। यह यूरोपीय संघ (ईयू) और 196 देशों द्वारा अनुमोदित है।
संक्षिप्त खबरें सार-संक्षेप चर्चित दिवस
देवसहायम पिल्लई संत की उपाधि पाने वाले पहले आम भारतीय
18वीं शताब्दी में ईसाई धर्म में परिवर्तित हुये देवसहायम पिल्लई 15 मई, 2022 को वेटिकन द्वारा संत घोषित किए जाने वाले पहले भारतीय आम आदमी बन गए हैं।
(Image Source: https:// twitter.com/indo_christian/)
- वेटिकन में सेंट पीटर्स बेसिलिका में संत पोप फ्राँसिस ने देवसहायम को संत की उपाधि से विभूषित किया। देवसहायम के साथ चार महिलाओं सहित नौ अन्य को भी संत की उपाधि दी गई।
- देवसहायम का जन्म 23 अप्रैल, 1712 को तत्कालीन त्रावणकोर साम्राज्य के भाग कन्याकुमारी जिले के नट्टलम में एक हिंदू नायर परिवार में नीलकांत पिल्लई के रूप में हुआ था।
- जब उन्हें एक डच नौसेना कमांडर द्वारा कैथोलिक धर्म की दीक्षा दी गई, उस समय वे त्रावणकोर के महाराजा मार्तंड वर्मा के दरबार में एक अधिकारी थे।
- 1745 में ईसाई धर्म अपनाने के बाद उन्होंने 'लेजारूस' (Lazarus) नाम अपना लिया था। बाद में वे देवसहायम (भगवान की मदद) के नाम से जाने गए।
- कहा जाता है, कि देवासहायम को ईसाई धर्म अपनाने का फैसला करने के बाद कठोर उत्पीड़न झेलना पड़ा, और अंततः 1752 में उनकी हत्या कर दी गई थी। हत्या के बाद उन्हें शहीद का दर्जा दिया गया था।
- 2014 में पोप फ्रांसिस द्वारा देवसहायम के के चमत्कारिक परोपकारी कार्यों को मान्यता दी गई थी।
- ‘बढ़ती कठिनाइयों को सहन करने’ के लिए उन्हें पहली बार फरवरी 2020 में ‘संत’ की उपाधि के लिए मंजूरी दी गई थी।
संक्षिप्त खबरें सार-संक्षेप चर्चित दिवस
विश्व मधुमक्खी दिवस (20 मई)
2022 का विषय: 'बी एंगेज्ड: सेलिब्रेटिंग द डायवर्सिटी ऑफ बी एंड बीकीपिंग सिस्टम्स' (Celebrating the diversity of bees and beekeeping systems)।
महत्वपूर्ण तथ्य: लोगों और पर्यावरण का समर्थन करने में मधुमक्खियों द्वारा निभाई जाने वाली आवश्यक भूमिकाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए यह दिवस मनाया जाता है।
- विश्व मधुमक्खी दिवस 20 मई, 1734 को जन्मे स्लोवेनियाई मधुमक्खी पालक एवं आधुनिक मधुमक्खी पालन के प्रणेता एंटोन जान्सा की जयंती के उपलक्ष्य में भी मनाया जाता है।
राज्य समाचार मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश सरकार की स्टार्ट-अप नीति 2022
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 मई, 2022 को युवा उद्यमियों की उपस्थिति में वीडियो लिंक के माध्यम से 'मध्य प्रदेश सरकार की स्टार्ट-अप नीति 2022' और एक 'स्टार्ट-अप पोर्टल' का शुभारंभ किया।
- नई नीति के तहत, स्टार्ट-अप को कार्यालय किराए, कर्मचारियों के वेतन और उत्पाद पेटेंट के लिए सहायता (सब्सिडी) दी जाएगी।
- अगर कोई स्टार्ट-अप किराए की जगह से काम कर रहा है, तो किराए के लिए 5,000 रुपए प्रति माह का भुगतान किया जाएगा।
- 25 कर्मचारियों तक के वेतन के लिए प्रति व्यक्ति 5,000 रुपए प्रति माह की सहायता दी जाएगी।
- उत्पाद पेटेंट के लिए, उन्हें पांच लाख रुपए तक की सहायता का भुगतान किया जाएगा।
- नीति के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए पांच स्तंभों का अनुसरण किया गया है- व्यापार सुगमता सहित संस्थागत सहयोग; उत्पाद-आधारित स्टार्टअप को प्रोत्साहन; नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देना; विपणन सहयोग; तथा वित्तीय और गैर-वित्तीय सहायता प्रदान करना।
- मध्य प्रदेश में केंद्र और राज्य द्वारा मान्यता प्राप्त कुल 1,937 स्टार्ट-अप हैं और उनमें से 45 प्रतिशत महिला उद्यमियों द्वारा चलाए जा रहे हैं।
राज्य समाचार छत्तीसगढ़
मुख्यमंत्री मितान योजना
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 1 मई, 2022 को प्रदेश में ‘मुख्यमंत्री मितान योजना’ का शुभारंभ किया।
(Image Source: https://dprcg.gov.in/)
- इस योजना के माध्यम से सभी नागरिकों विशेषतः बुजुर्गों, दिव्यांगों एवं निरक्षरों को घर बैठे आसानी से 100 प्रकार की सेवाएं घर बैठे ही मिल सकेंगी।
- अभी वर्तमान में 14 नगर निगमों में 13 प्रकार की सेवा उपलब्ध होगी। शीघ्र ही पूरे प्रदेश में इस योजना का विस्तार किया जाएगा और अन्य सेवाएं भी इस योजना के माध्यम से प्राप्त की जा सकेंगी।
- ‘मुख्यमंत्री मितान योजना’ के तहत नागरिकों को मूल निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाणपत्र, आय प्रमाण पत्र, दस्तावे की प्रति, गैर-डिजिटाइज्ड (भूमि रिकॉर्ड आदि की प्रति), मृत्यु प्रमाण पत्र, विवाह पंजीकरण और प्रमाणपत्र, जन्म प्रमाणपत्र, दुकान और प्रतिष्ठान पंजीकरण, जन्म प्रमाणपत्र सुधार, मृत्यु प्रमाणपत्र सुधार, विवाह प्रमाणपत्र सुधार आदि नागरिक सेवाएं घर बैठे मिलेंगी।
- मुख्यमंत्री मितान योजना के लिए तैनात मितानों (मित्रों) को टैबलेट वितरित किए और उन्हें हरी झण्डी दिखाकर योजना का शुभारंभ किया और उन्हें कार्य पर रवाना किया।
- नागरिक 'मितान' से टोल फ्री नंबर 14545 पर संपर्क कर सकते हैं।
- एक बार जब विभाग एक प्रमाण पत्र जारी करता है, तो इसे 'मितान' द्वारा एक सीलबंद लिफाफे में नागरिकों के घर तक पहुंचाया जाएगा।