यूएनसीसीडी कॉप-15

  • 06 Jun 2022

संयुक्त राष्ट्र मरुस्थलीकरण रोकथाम अभिसमय- यूएनसीसीडी (United Nations Convention to Combat Desertification: UNCCD) के पक्षकारों का सम्मेलन कॉप-15 (COP-15) 9 से 20 मई, 2022 तक आबिदजान, कोट डी आइवर (आइवरी कोस्ट) में आयोजित किया गया।

(Image Source: https:// https://www.unccd.int/)

कॉप-15 का विषय: 'भूमि, जीवन, विरासत: अभाव से समृद्धि की ओर' (Land, Life, Legacy: From scarcity to prosperity)।

महत्वपूर्ण तथ्य: केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने UNCCD के पक्षकारों के सम्मेलन के 15वें सत्र में राष्ट्र की ओर से वक्तव्य दिया।

  • भारत ने 2019 में नई दिल्ली में UNCCD के चौदहवें सत्र की मेजबानी की थी।

कॉप-15 में प्रमुख नई प्रतिबद्धतायें: 2030 तक एक अरब हेक्टेयर अवक्रमित भूमि (degraded land की बहाली में तेजी लाना;

  • शुष्क भूमि के विस्तार की पहचान करके, राष्ट्रीय नीतियों में सुधार करके और पूर्व चेतावनी, निगरानी और मूल्यांकन करके सूखे के प्रति अनुकूलन को बढ़ावा देना;
  • 2022-2024 के लिए सूखे पर एक अंतर सरकारी कार्य समूह की स्थापना करना;
  • मरुस्थलीकरण और भूमि क्षरण से प्रेरित प्रवासन और विस्थापन के समाधान का प्रयास करना;
  • भूमि प्रबंधन में महिलाओं की भागीदारी में सुधार करना और;
  • रेत और धूल भरी आंधी और अन्य बढ़ते आपदा जोखिमों से निपटना।

अन्य तथ्य: UNCCD और उसके सहायक निकायों के लिए पक्षकारों के सम्मेलन की भविष्य की बैठकें सऊदी अरब (2024 में COP-16) और मंगोलिया (2026 में COP-17) में आयोजित की जाएंगी।

संयुक्त राष्ट्र मरुस्थलीकरण रोकथाम अभिसमय (UNCCD): इसकी स्थापना 1994 में हमारी भूमि की रक्षा और बहाली और एक सुरक्षित, न्यायपूर्ण और अधिक टिकाऊ भविष्य सुनिश्चित करने के लिए की गई थी।

  • यह मरुस्थलीकरण और सूखे के प्रभावों को दूर करने के लिए स्थापित एकमात्र कानूनी रूप से बाध्यकारी समझौता है। यह यूरोपीय संघ (ईयू) और 196 देशों द्वारा अनुमोदित है।