सामयिक - 05 July 2025
प्रधानमंत्री की त्रिनिदाद और टोबैगो राजकीय यात्रा
4 जुलाई 2025, प्रधानमंत्री की त्रिनिदाद और टोबैगो राजकीय यात्रा के दौरान विभिन्न समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए और कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ की गईं।
मुख्य तथ्य:
- द्विपक्षीय समझौते: फार्माकोपिया, QIP परियोजनाएँ, संस्कृति, खेल, राजनयिक प्रशिक्षण और हिंदी अध्ययन पर कई समझौते और MoUs पर हस्ताक्षर हुए।
- प्रवासी सहयोग: OCI कार्ड की सुविधा अब 6वीं पीढ़ी तक विस्तारित की गई। पहले यह सुविधा 4वीं पीढ़ी तक सीमित थी।
- शिक्षा व स्वास्थ्य में मदद: 2000 लैपटॉप, कृत्रिम अंग शिविर, डायलिसिस यूनिट, कृषि मशीनरी और एम्बुलेंस त्रिनिदाद को प्रदान किए गए।
- सांस्कृतिक साझेदारी: गीता महोत्सव का आयोजन और त्रिनिदाद के पंडितों के लिए भारत में प्रशिक्षण की घोषणा।
- त्रिनिदाद और टोबैगो ने भारत के वैश्विक पहलों- कोइलिशन ऑफ डिजास्टर रेजिलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर (Coalition of Disaster Resilient Infrastructure CDRI) और ग्लोबल बायोफ्यूल एलायंस (Global Biofuel Alliance -GBA)- में शामिल होने की घोषणा की।
अमेरिका का 'वन बिग ब्यूटीफुल बिल एक्ट' (OBBBA)
हाल ही में, अमेरिका में पारित 'वन बिग ब्यूटीफुल बिल एक्ट' (OBBBA) के तहत 1% रेमिटेंस (धन प्रेषण) टैक्स लागू करने का निर्णय लिया गया, जिससे भारत को औपचारिक धन प्रेषणमें लगभग 500 मिलियन डॉलर की संभावित कमी का अनुमान है।
मुख्य तथ्य:
- टैक्स की दर और प्रभाव: OBBBA के तहत 1% धन प्रेषणटैक्स 1 जनवरी 2026 से लागू होगा; प्रारंभ में 5% प्रस्तावित था, जिसे घटाकर 3.5% और अंततः 1% किया गया; भारत को इससे औपचारिक धन प्रेषणमें लगभग 500 मिलियन डॉलर की कमी का अनुमान है, जबकि मैक्सिको को 1.5 बिलियन डॉलर से अधिक का नुकसान होगा।
- टैक्स के अपवाद: यह टैक्स केवल नकद, मनी ऑर्डर, कैशियर चेक या अन्य भौतिक साधनों से 15 डॉलर से अधिक की धन प्रेषणपर लागू होगा; बैंक खातों या US-निर्गत डेबिट/क्रेडिट कार्ड से भेजी गई धन प्रेषणपर टैक्स नहीं लगेगा; US नागरिकता प्रमाणित करने पर भी टैक्स से छूट मिलेगी।
- भारत में धन प्रेषणआँकड़े: 2024-25 में भारत को विदेशों से व्यक्तिगत ट्रांसफर (धन प्रेषण ) नेट आधार पर 16% बढ़कर 124.31 बिलियन डॉलर और ग्रॉस आधार पर 14% बढ़कर 132.07 बिलियन डॉलर प्राप्त हुए।
- अमेरिका का योगदान: 2023-24 में भारत को प्राप्त कुल धन प्रेषणमें अमेरिका की हिस्सेदारी 27.7% रही; उस वर्ष भारत को अमेरिका से लगभग 32 बिलियन डॉलर धन प्रेषणप्राप्त हुआ; 2016-17 में यह हिस्सेदारी 22.9% थी।
- धन प्रेषणकी महत्ता और लागत: 2024-25 में भारत को प्राप्त नेट धन प्रेषणने देश के 98.39 बिलियन डॉलर के व्यापार घाटे को पूरी तरह कवर किया; 200 डॉलर भेजने की औसत लागत अक्टूबर-दिसंबर 2024 में 5.3% रही, जो वैश्विक औसत 6.6% से कम है; RBI ने सिंगापुर के PayNow और BIS के Project Nexus से UPI को जोड़कर अंतरराष्ट्रीय भुगतान को तेज और सस्ता बनाने की पहल की है।
एल्युमीनियम और तांबा क्षेत्र के लिए विजन दस्तावेज जारी
4 जुलाई 2025, हैदराबाद में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भारत के एल्यूमिनियम और तांबा विजन दस्तावेज़ जारी किए गए, जिनमें 2047 तक उत्पादन और मांग में छह गुना वृद्धि का रोडमैप प्रस्तुत किया गया।
मुख्य तथ्य:
- एल्यूमिनियम उत्पादन लक्ष्य: एल्यूमिनियम विजन दस्तावेज़ में 2047 तक एल्यूमिनियम उत्पादन को छह गुना बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है; भारत वर्तमान में विश्व का दूसरा सबसे बड़ा एल्यूमिनियम उत्पादक है, लेकिन वैश्विक उत्पादन में इसकी हिस्सेदारी केवल 6% है।
- बॉक्साइट उत्पादन और रीसाइक्लिंग: बॉक्साइट उत्पादन क्षमता को 150 मिलियन टन प्रति वर्ष (mtpa) तक बढ़ाने, एल्यूमिनियम रीसाइक्लिंग दर को दोगुना करने, और कम-कार्बन तकनीकों को अपनाने का लक्ष्य है।
- तांबा मांग और क्षमता विस्तार: तांबा विजन दस्तावेज़ में 2047 तक तांबे की मांग में छह गुना वृद्धि का अनुमान है; 2030 तक 5 मिलियन टन प्रति वर्ष स्मेल्टिंग और रिफाइनिंग क्षमता जोड़ने की योजना है।
- कच्चे माल की सुरक्षा और वैश्विक साझेदारी: तांबा विजन दस्तावेज़ में घरेलू रीसाइक्लिंग बढ़ाने, सेकेंडरी रिफाइनिंग को बढ़ावा देने, और वैश्विक साझेदारियों के माध्यम से विदेशी खनिज संपत्तियों की सुरक्षा पर बल दिया गया है।
- ऊर्जा संक्रमण और हरित प्रौद्योगिकी: एल्यूमिनियम और तांबा दोनों क्षेत्रों को स्वच्छ ऊर्जा प्रणालियों, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, आधुनिक अवसंरचना, और हरित प्रौद्योगिकियों (जैसे EVs, सौर ऊर्जा) के लिए महत्वपूर्ण बताया गया है; दोनों दस्तावेज़ व्यापक उद्योग परामर्श के बाद तैयार किए गए हैं।
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