सामयिक - 06 May 2025
भारत ने सलाल और बगलिहार बांधों के गेट बंद किया
5 मई 2025 कोजम्मू-कश्मीर के अखनूर क्षेत्र में चिनाब नदी का जलस्तर वर्षों में पहली बार कमर से नीचे पहुंच गया, जब सलाल (रीासी) और बगलिहार (रामबन) जलविद्युत परियोजनाओं के सभी स्लूइस गेट 4 मई को सुबह बंद कर दिए गए। यह कदम पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ कूटनीतिक दबाव के तहत उठाया गया, जिसमें इंडस वॉटर ट्रीटी को भी निलंबित किया गया है।
मुख्य तथ्य एवं आंकड़े:
- तिथि एवं घटना: 5 मई 2025 को चिनाब नदी का जलस्तर अचनाक कमर से नीचे पहुंच गया, जब सलाल और बगलिहार बांधों के सभी स्लूइस गेट बंद कर दिए गए।
- जलस्तर में गिरावट: चिनाब नदी, जो पहले 25-30 फीट ऊँचाई तक बहती थी, अब सिर्फ 1.5-2 फीट रह गई, जिससे स्थानीय लोग पहली बार नदी के तल पर चल सके।
- कृषि पर प्रभाव: पाकिस्तान के पंजाब क्षेत्र में सिंचाई के लिए चिनाब नदी महत्वपूर्ण है; जल प्रवाह रुकने से पाकिस्तान में खरीफ की फसलों पर 7-21% तक जल संकट का अनुमान है।
- डैम संचालन: सलाल और बगलिहार दोनों बांध रन-ऑफ-द-रिवर प्रोजेक्ट हैं, जिनसे भारत जल प्रवाह के समय को नियंत्रित कर सकता है; गेट्स बंद करने से पहले डीसिल्टेशन प्रक्रिया के तहत जलाशयों को खाली किया गया था।
केंद्र सरकार का राज्यों को 'सिविल डिफेंस' ड्रिल्स आयोजित करने का निर्देश
5 मई कोकेंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को निर्देश दिया कि वे 7 मई 2025 से 9 मई 2025 तक देशभर में 'सिविल डिफेंस' मॉक ड्रिल आयोजित करें। यह निर्णय 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव की पृष्ठभूमि में लिया गया है, जिसमें 26 नागरिकों की मृत्यु हुई थी।
मुख्य तथ्य:
- ड्रिल की तिथि और क्षेत्र: यह मॉक ड्रिल 7 मई 2025 से शुरू होकर शुक्रवार तक चलेगी और पूरे देश के 244 चिन्हित जिलों में, गांव स्तर तक आयोजित की जाएगी।
- प्रमुख गतिविधियाँ: ड्रिल में एयर-रेड सायरन बजाना, ब्लैकआउट (बिजली बंद) अभ्यास, लोगों की सुरक्षित स्थानों पर निकासी, महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों का कैमोफ्लाज, कंट्रोल रूम सक्रिय करना, और बंकरों की सफाई जैसी गतिविधियाँ शामिल हैं।
- भागीदारी: लगभग चार लाख स्वयंसेवक, सिविल डिफेंस वार्डन, होम गार्ड, पुलिस, एनसीसी, एनवाईकेएस, एनएसएस, स्कूल-कॉलेज के छात्र-छात्राएँ और अन्य संगठन इस ड्रिल में भाग लेंगे।
- ड्रिल का उद्देश्य: ड्रिल का उद्देश्य नागरिकों और प्रशासनिक तंत्र की युद्ध जैसी आपात स्थिति में तैयारियों की जांच और सुधार करना है, जिसमें एयर-रेड, मिसाइल या ग्राउंड अटैक जैसी परिस्थितियाँ शामिल हैं।
- ऐतिहासिक महत्व: यह देशभर में 1971 के बाद पहली बार इतने बड़े पैमाने पर सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल आयोजित की जा रही है, जिससे नागरिक सुरक्षा व्यवस्था की मजबूती और समन्वय का परीक्षण किया जाएगा।
भारत ने पिपरहवा अवशेषों की नीलामी रोकने के लिए त्वरित कार्रवाई की
5 मई 2025 कोभारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने सोथबी हांगकांग द्वारा भगवान बुद्ध से जुड़े पिपरहवा अवशेषों की नीलामी रोकने के लिए त्वरित और व्यापक कदम उठाए। ये अवशेष 1898 में उत्तर प्रदेश के पिपरहवा स्तूप से खुदाई में मिले थे और ऐतिहासिक व धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
मुख्य तथ्य:
- अवशेषों का विवरण: पिपरहवा अवशेषों में हड्डियों के टुकड़े, सोप स्टोन और क्रिस्टल के कास्केट, बलुआ पत्थर का संदूक, स्वर्ण आभूषण और रत्न शामिल हैं, जिनकी खुदाई 1898 में विलियम क्लैक्सटन पेप्पे द्वारा की गई थी। ब्राह्मी लिपि में शिलालेख से इनका संबंध भगवान बुद्ध से प्रमाणित है।
- कानूनी स्थिति: ये अवशेष भारतीय कानून के तहत ‘AA’ पुरावशेष के रूप में वर्गीकृत हैं, जिनका निर्यात या बिक्री प्रतिबंधित है। अधिकांश अवशेष 1899 में भारतीय संग्रहालय, कोलकाता भेजे गए थे, जबकि कुछ हड्डी अवशेष सियाम के राजा को उपहार में दिए गए थे, और शेष पेप्पे परिवार के पास रहे, जिन्हें अब नीलामी के लिए सूचीबद्ध किया गया।
- सरकारी कार्रवाई: मंत्रालय ने सोथबी हांगकांग को कानूनी नोटिस जारी किया, जिसमें नीलामी तुरंत रोकने और अवशेषों को भारत लौटाने की मांग की गई। साथ ही, ब्रिटेन और हांगकांग के दूतावासों, ASI, और वित्तीय जांच इकाई को भी कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया।
- सोथबी की प्रतिक्रिया: भारतीय कानूनी नोटिस के बाद सोथबी ने आश्वासन दिया कि वह नीलामी रोकने और भारत सरकार के साथ सहयोग करने के लिए आवश्यक कदम उठाएगा।
- सोथबी हांगकांग (Sotheby's Hong Kong): यहएक अंतर्राष्ट्रीय नीलामी घर है, जो हांगकांग में स्थित है। यह अंतर्राष्ट्रीय ललित कला नीलामी उद्योग का एक प्रमुख खिलाड़ी है, जो अपनी ललित कला, कलाकृतियों और अन्य वस्तुओं की नीलामी के लिए जाना जाता है।
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