सामयिक - 07 April 2025

पीआईबी न्यूज राष्ट्रीय

सशक्त कानून, सशक्त समाज: संसद की नई उपलब्धियां


6 अप्रैल 2025 को, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने ताशकंद, उज्बेकिस्तान में आयोजित इंटर-पार्लियामेंटरी यूनियन (IPU) की 150वीं सभा में "सामाजिक विकास और न्याय के लिए संसदीय कार्रवाई" विषय पर संबोधन दिया। उन्होंने भारतीय संसद द्वारा हाल के वर्षों में पारित कई कानूनों को सामाजिक न्याय और समावेशन को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण बताया।

मुख्य तथ्य

  • भारतीय संविधान का उद्देश्य: बिरला ने कहा कि भारतीय संविधान सभी नागरिकों को समान अवसर प्रदान करने और हाशिए पर पड़े वर्गों को मुख्यधारा में शामिल करने की भावना पर आधारित है।
  • महत्वपूर्ण कानून: उन्होंने "दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016", "ट्रांसजेंडर व्यक्तियों (अधिकार संरक्षण) अधिनियम, 2019", और "नारी शक्ति वंदन अधिनियम, 2023" जैसे कानूनों का उल्लेख किया, जो विभिन्न वर्गों के अधिकारों की रक्षा करते हैं।
  • न्याय की प्राथमिकता: भारतीय दंड संहिता को बदलकर "भारतीय न्याय संहिता" लागू करने से भारत ने न्याय को प्राथमिकता दी है।
  • महिला आरक्षण: संसद ने लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक-तिहाई सीटें आरक्षित करने का कानून पारित किया है, जिससे राजनीतिक समावेशन सुनिश्चित हुआ है।
  • आर्थिक और सामाजिक प्रगति: बिरला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बताया, जिसमें पिछले दशक में 105% जीडीपी वृद्धि दर्ज की गई है। भारत 2047 तक विकसित भारत बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।

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भारत में महिला और पुरुष 2024 : चयनित संकेतक और आंकड़े रिपोर्ट


6 अप्रैल 2025 को, सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) ने " भारत में महिला और पुरुष 2024: चयनित संकेतक और आंकड़े" का 26वां संस्करण जारी किया। यह प्रकाशन भारत में लिंग परिदृश्य का एक व्यापक अवलोकन प्रस्तुत करता है, जिसमें जनसंख्या, शिक्षा, स्वास्थ्य, आर्थिक भागीदारी और निर्णय लेने जैसे क्षेत्रों में विभिन्न संकेतक और आंकड़े शामिल हैं।

मुख्य तथ्य और आंकड़े:

  • शिक्षा में लिंग समानता: प्राथमिक और उच्च माध्यमिक स्तर पर लिंग समानता सूचकांक लगातार उच्च रहा है, जो महिलाओं के मजबूत नामांकन को दर्शाता है। उच्च प्राथमिक और प्राथमिक स्तरों पर उतार-चढ़ाव देखे गए, लेकिन समानता के करीब रहे।
  • श्रम बल भागीदारी दर: 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए श्रम बल भागीदारी दर सामान्य स्थिति में 2017-18 में 49.8% से बढ़कर 2023-24 में 60.1% हो गई है।
  • आर्थिक भागीदारी: रिपोर्ट में आर्थिक क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी के विभिन्न पहलुओं पर जानकारी दी गई है, जिसमें उनकी आर्थिक गतिविधियों और रोजगार में भूमिका का विश्लेषण किया गया है।
  • निर्णय लेने में भागीदारी: निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए किए गए प्रयासों का उल्लेख किया गया है, जिसमें राजनीतिक और सामाजिक संस्थानों में उनकी भूमिका पर जोर दिया गया है।
  • स्वास्थ्य और पोषण: रिपोर्ट में स्वास्थ्य और पोषण संबंधी संकेतकों का भी विश्लेषण किया गया है, जिसमें लिंग आधारित स्वास्थ्य असमानताओं को उजागर किया गया है।

सामयिक सामान्य ज्ञान

 उज्बेकिस्तान के ताशकंद में आयोजित 150वीं अंतर-संसदीय संघ (IPU) असेंबली ,2025 का मुख्य विषय क्या है? -- सामाजिक विकास और न्याय
 हाल ही में चर्चा में रहे , ‘ओटावा कन्वेंशन’ का सबसे महत्वपूर्ण प्रभाव क्या रहा है? -- बारूदी सुरंगों का बड़े पैमाने पर नाश
 विश्व में एंटीमनी का सबसे बड़ा उत्पादक देश कौन है? -- चीन
 हाल ही में, चीन ने किस अंतर्राष्ट्रीय संगठन में अमेरिका के खिलाफ मुकदमा दायर किया? -- विश्व व्यापार संगठन (WTO)
 MRI स्कैन में प्रयुक्त तत्व कौन-सा है ? -- गडोलिनियम
 रीम नौसैनिक अड्डा किस महत्वपूर्ण समुद्री मार्ग के निकट है ? -- मलक्का जलडमरूमध्य

दैनिक समसामयिकी

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