सामयिक - 22 July 2025

सामयिक खबरें विधेयक एवं अधिनियम

बिल ऑफ़ लैडिंग, 2025


21 जुलाई, 2025 को मानसून सत्र के पहले दिन राज्यसभा ने ‘बिल ऑफ़ लैडिंग, 2025’ विधेयक पारित किया, जिससे 1856 के उपनिवेशकालीन समुद्री शिपिंग कानून में प्रतिस्थापित कर आधुनिक, सरल एवं वैश्विक मानदंडों के अनुरूप कानूनी ढांचा स्थापित होगा।

मुख्य तथ्य:

  • विधेयक की पारिती: लोकसभा ने मार्च 2025 में बिल पारित किया था; अब राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह अधिनियम बनेगा।
  • उद्देश्य: पुरानी और जटिल उपनिवेशकालीन भाषा हटाकर व्यापारी-मित्रवत भाषा अपनाना, शिपिंग कागजात के अधिकार और कर्तव्यों को स्पष्ट करना एवं विवादों को कम करना है।
  • कानून की विशेषताएँ: केंद्रीय सरकार को निर्देश जारी करने का अधिकार देना, नियमों को सरल बनाना और पुराने अधिनियम के तहत की गई कार्रवाई की वैधता जारी रखना।
  • प्रभाव: भारत के समुद्री व्यापार और विश्वव्यापी ट्रेड में स्थिति सुदृढ़ होगी, कारोबार के लिए सुगमता और कानूनी स्पष्टता बढ़ेगी।

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न्यायाधीश यशवंत वर्मा की महाभियोग प्रक्रिया शुरू


21 जुलाई, 2025 को इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा को हटाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। लोकसभा और राज्यसभा में जस्टिस वर्मा को हटाने का प्रस्ताव पेश किया गया।

मुख्य तथ्य:

  • नोटिस का दायरा: लोकसभा स्पीकर एवं राज्यसभा अध्यक्ष को क्रमशः 145 और 63 सांसदों द्वारा नोटिस सौंपा गया; कुल 208 से अधिक सांसद प्रक्रिया के पक्ष में हैं।
  • संपूर्ण समर्थन: लोकसभा में 152 सांसदों ने नोटिस पर हस्ताक्षर किए, जिनमें विपक्ष के नेता राहुल गाँधी, भाजपा के रवि शंकर प्रसाद, अनुराग ठाकुर, तथा विभिन्न पार्टियों के अन्य सदस्य शामिल हैं।
  • कारण: मार्च 2025 में न्यायाधीश वर्मा के दिल्ली आवास पर जलाए गए नोटों की बरामदगी के बाद सुप्रीम कोर्ट की तीन न्यायाधीशों की समिति ने उनकी बर्खास्तगी की सिफारिश की।
  • कानूनी प्रक्रिया: महाभियोग के लिए लोकसभा में कम से कम 100 सांसदों और राज्यसभा में 50 सांसदों के हस्ताक्षर आवश्यक होते हैं; उपयुक्त नोटिस मिलते ही स्पीकर व अध्यक्ष जांच के लिए समिति गठित करेंगे।
  • जांच समिति: इस समिति में सुप्रीम कोर्ट का एक वरिष्ठ न्यायाधीश, उच्च न्यायालय के एक वर्तमान मुख्य न्यायाधीश और एक प्रतिष्ठित विधिवक्ता होंगे, जिन्हें तीन माह के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी।

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ISRO-NASA का संयुक्त उपग्रह निसार


30 जुलाई, 2025 को ISRO और NASA द्वारा संयुक्त रूप से विकसित पृथ्वी अवलोकन उपग्रह निसार (NISAR) का प्रक्षेपण श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से GSLV-F16 रॉकेट द्वारा किया जाएगा।

मुख्य तथ्य:

  • प्रक्षेपण तिथि और स्थान: 30 जुलाई 2025 को भारतीय समयानुसार शाम 5:40 बजे, श्रीहरिकोटा से GSLV-F16 रॉकेट द्वारा उपग्रह को 743 किमी की सन सिंक्रोनस कक्षा में स्थापित किया जाएगा।
  • उपग्रह की विशेषताएँ: NISAR एक द्वि-आवृत्ति सिंथेटिक अपर्चर रडार (Dual-frequency SAR) उपग्रह है, जिसमें NASA का L-बैंड और ISRO का S-बैंड शामिल हैं, जो 12 मीटर के अनफ़र्लेबल मेश रिफ्लेक्टर एंटेना से लैस है।
  • कार्यप्रणाली और उद्देश्य: यह उपग्रह पूरी पृथ्वी का 12 दिनों में एक चक्कर लगाता है और दिन-रात, किसी भी मौसम में उच्च-रिज़ॉल्यूशन डाटा एवं सतह के सूक्ष्म परिवर्तनों की जानकारी प्रदान करेगा, जैसे समुद्री बर्फ, वनस्पति, तूफान मॉनिटरिंग, मिट्टी की नमी व सतही जल का मानचित्रण।
  • मिशन अवधि और डाटा उपलब्धता: मिशन की बुनियादी अवधि तीन वर्ष है, अंतर्निहित डाटा एक-दो दिनों में फ्री एवं खुला उपलब्ध होगा, आपदा जैसी आपात स्थिति में यह डाटा कुछ घंटों में भी उपलब्ध होगा।
  • मिशन लागत और महत्व: कुल लागत लगभग 1.5 अरब अमेरिकी डॉलर; यह दुनिया का पहला ऐसा उपग्रह होगा जो दो आवृत्तियों में रडार इमेजिंग करेगा, जिससे पृथ्वी के प्राकृतिक परिवर्तनों, पारिस्थितिकी, प्राकृतिक आपदाओं पर बेहतर निगरानी संभव होगी।

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भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का पद से इस्तीफा


21 जुलाई, 2025 को भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। जगदीप धनखड़ ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को पत्र लिखकर अपना इस्तीफा सौंपा; यह इस्तीफा तत्काल प्रभाव से स्वीकार हुआ।

मुख्य तथ्य:

  • कारण: धनखड़ ने अपने स्वास्थ की प्राथमिकता और चिकित्सकीय सलाह का हवाला देते हुए पद से त्यागपत्र दिया है।
  • कार्यकाल: जगदीप धनखड़ वर्ष 2022 में उपराष्ट्रपति नियुक्त हुए थे और अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने राज्यसभा के सभापति के रूप में कार्य किया।
  • संवैधानिक पद पर रिक्ति : उनके इस्तीफे से देश के दूसरे सबसे बड़े संवैधानिक पद पर रिक्ति पैदा हो गई है और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह वर्तमान में उनकी अनुपस्थिति में राज्यसभा की अध्यक्षता कर रहे हैं, जब तक कि नए उपराष्ट्रपति का चुनाव नहीं हो जाता।
  • तीसरे उपराष्ट्रपति : वे पद पर रहते हुए इस्तीफा देने वाले तीसरे उपराष्ट्रपति हैं। उनसे पहले वी. वी. गिरि और आर. वेंकटरमन ने राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए पद छोड़ दिया था। जबकि कृष्ण कांत, भारत के एकमात्र ऐसे उपराष्ट्रपति हैं जिनकी मृत्यु पद पर रहते हुए हुई।
  • आगे की प्रक्रिया: संविधान के अनुच्छेद 65 व 69 के तहत देश में नया उपराष्ट्रपति नियुक्त होने तक, संबंधित प्रक्रिया एवं राष्ट्रपति द्वारा कार्य को संभाला जाएगा।

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