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संसद
निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
- संसद की चयन समितियां स्थायी होती हैं जबकि संसद की स्थायी समितियां तदर्थ आधार पर होती हैं।
- ब्रिटेन की संसदीय प्रणाली की तुलना में लोकसभा अध्यक्ष की स्वतंत्रता भारतीय संसदीय प्रणाली में अधिक सुरक्षित है।
नीचे दिए गए कूट से सही कथन का चयन करें:
A |
केवल 1
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B |
केवल 2
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C |
1 और 2 दोनों
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D |
न तो 1 और न ही 2
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Your Ans is
Right ans is D
Explanation :
संसद की स्थायी समितियां स्थायी और निरंतर होती हैं जबकि चयन समितियां तदर्थ आधार पर होती हैं।
- प्रमुख तदर्थ समितियां विधेयकों पर चयन और संयुक्त समितियां होती हैं। रेलवे कन्वेंशन समिति, संसद भवन परिसर में खाद्य प्रबंधन सम्बंधी संयुक्त समिति आदि भी तदर्थ समितियों की श्रेणी में आती हैं।
- ब्रिटेन की संसदीय प्रणाली में स्पीकर की स्वतंत्रता अधिक सुरक्षित होती है क्योंकि कोई भी पार्टी स्पीकर के खिलाफ अगले आम चुनाव में उम्मीदवार नहीं उतारती है, इससे स्पीकर को निर्विरोध निर्वाचन का अवसर मिलता है। इसका असर यह होता है कि स्पीकर भारतीय व्यवस्था की तुलना में गैर-पक्षपातपूर्ण तरीके से कार्य करते हुए सदन में प्रतिपक्ष के प्रति निष्पक्ष रहता है और वह कभी भी सत्तापक्ष के दबाव में नहीं आता है। जबकि भारत में स्पीकर को टिकट पाने और चुनाव लड़ने के लिए पार्टी पर निर्भर रहना पड़ता है।
प्रश्न का उद्देश्य:
हाल ही में हुए 124वें संवैधानिक संशोधन विधेयक को पारित करने में इसे किसी भी चयन समिति को नहीं भेजा गया था। अतः इसकी महत्ता को देखते हुए हमने भारत की संसदीय समितियां की कार्यशैली की ओर छात्रों का ध्यान आकृष्ट करने का प्रयास किया है।
स्रोत: द हिन्दू
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