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"पंढरपुर आंदोलन"
"पंढरपुर आंदोलन" के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
I. यह "भक्ति आंदोलन" का हिस्सा था और आंदोलनकारी 'भगवान विठ्ठल' के भक्त थे।
II. इसे वारकारी और धारकारी नामक दो समूहों में विभाजित किया गया था।
III. नामदेव और तुकाराम धारकारी संत थे।
नीचे दिए गए कूट का उपयोग कर सही उत्तर का चयन करें:
A |
I, II, III
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B |
I और III
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C |
II और III
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D |
I और III
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Explanation :
पंढरपुर आंदोलन महाराष्ट्र के पंढरपुर क्षेत्र में शुरू हुआ और आंदोलनकारी भगवान विट्ठल अर्थात कृष्ण के भक्त थे। पंढरपुर आंदोलन वारकारी एवं धारकारी नामक दो समूहों में बंटा हुआ था-वारकारी संतों के उदाहरण नामदेव, तुकाराम थे तो वहीं रामदास धारकारी संत थे जोकि 'शिवाजी' के आध्यात्मिक गुरु थे। उन्होंने "दशबोध" नामक पुस्तक का मौखिक वर्णन किया।
प्रारंभिक परीक्षा के लिए यह इतना महत्वपूर्ण क्यों है?
हाल ही में, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को मराठा आरक्षण के मुद्दों के कारण पंढरपुर मंदिर की यात्रा रद्द करनी पड़ी।
स्रोत: द हिन्दू
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