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संसदीय विशेषाधिकार
संसदीय विशेषाधिकार के सन्दर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
- संसदीय विशेषाधिकार (Parliamentary Privileges), संसद सदस्यों को, व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से, प्राप्त कुछ अधिकार और उन्मुक्तियां होते हैं, ताकि वे “अपने कार्यों का प्रभावी ढंग से निर्वहन” कर सकें।
- संविधान के अनुच्छेद 205 में स्पष्ट रूप से दो विशेषाधिकारों का उल्लेख किया गया है। ये हैं: संसद में वाक्-स्वतंत्रता और इसकी कार्यवाही के प्रकाशन का अधिकार।
- संविधान में विनिर्दिष्ट विशेषाधिकारों के अतिरिक्त, सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 में सदन या उसकी समिति की बैठक के दौरान तथा इसके आरंभ होने से 60 दिन पूर्व और इसकी समाप्ति के 60 दिन पश्चात सिविल प्रक्रिया के अंतर्गत सदस्यों की गिरफ्तारी और उन्हें निरुद्ध किए जाने से स्वतंत्रता का उपबंध किया गया है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
A |
केवल 1 और 3
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B |
केवल 2 और 3
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C |
केवल 1
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D |
उपर्युक्त सभी
|
Your Ans is
Right ans is C
Explanation :
संसदीय विशेषाधिकार, उन कुछ विशेषाधिकारों को कहा जाता है जिनका सांसदों और राष्ट्रीय विधायिकाएं, दुनिया भर में विशिष्ट रूप से आनंद लेते हैं, जो उनके अधिकार, स्वतंत्रता और गरिमा को बनाए रखने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।
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