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अंतर-राज्यीय पारेषण प्रणाली
अंतर-राज्यीय पारेषण प्रणाली (InSTS) हेतु हरित ऊर्जा गलियारा परियोजना में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
- ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर / हरित ऊर्जा गलियारा (GEC) परियोजना का उद्देश्य, ग्रिड में सौर एवं पवन जैसे अक्षय स्रोतों से उत्पादित बिजली को ‘पारंपरिक विद्युत् स्टेशनों’ के साथ सिंक्रनाइज़ करना है।
- परियोजना के पहले चरण में, अंतर्राज्यीय ट्रांसमिशन प्रणाली, आठ नवीकरणीय ऊर्जा समृद्ध राज्यों (तमिलनाडु, राजस्थान, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र,गुजरात, हिमाचल प्रदेश और मध्य प्रदेश) द्वारा लागू की जा रही है।
- इस चरण में योजना का वित्त पोषण, 70% भारत सरकार अनुदान, 20% राज्य इक्विटी और केएफडब्ल्यू बैंक, जर्मनी से 10% ऋण के माध्यम से किया जाएगा।
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
A |
केवल 1
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B |
2 और 3
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C |
केवल 1, 2
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D |
1, 2 और 3
|
Your Ans is
Right ans is C
Explanation :
6 जनवरी, 2022 को भारत सरकार ने ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर चरण- II को मंजूरी दी। इस चरण का अनुमानित परिव्यय 12,031 करोड़ रुपये है। इस चरण के तहत 10,750 किलोमीटर की पारेषण लाइनों (transmission lines) का निर्माण किया जायेगा और 27,500 MVA सब स्टेशनों को जोड़ा जायेगा। MVA का अर्थ Mega Volt Ampere है। यह परियोजना सात राज्यों में लागू की जाएगी। वे उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, राजस्थान, केरल, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश और गुजरात हैं।
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