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विधानसभा चुनाव
निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
- दल-बदल विरोधी कानून के तहत, किसी सांसद या विधायक की निर्हरता / अयोग्यता के विषय में फैसला करने की शक्ति विधायिका के पीठासीन अधिकारी के पास होती है।
- सदन के सदस्य कुछ परिस्थितियों में निरर्हता के जोखिम के बिना अपनी पार्टी बदल सकते सकते हैं।
- इस विधान में किसी दल के द्वारा किसी अन्य दल में विलय करने करने की अनुमति दी गयी है बशर्ते कि उसके कम से कम एक-तिहाई विधायक विलय के पक्ष में हों।
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
A |
केवल 3
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B |
1 और 3
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C |
केवल 1, 2
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D |
1, 2 और 3
|
Your Ans is
Right ans is C
Explanation :
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के बाद से ही सरगर्मी बढ़ गई है। सत्ताधारी बीजेपी से पलायन शुरू हो गया है। अब तक 15 से ज्यादा विधायक और मंत्री बीजेपी छोड़ चुके हैं। इस घटनाक्रम ने राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की मुश्किलें बढ़ा दी है। नेताओं के पार्टी बदलने पर रोक लगाने के मकसद से एक दल बदल विरोधी कानून है।
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