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अदालत की अवमानना
अदालत की अवमानना के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
- सिविल अवमानना को किसी भी फैसले, आदेश, दिशा, निर्देश, रिट या अदालत की अन्य प्रक्रिया अथवा अदालत में दिए गए वचन के जानबूझ कर किये गए उल्लंघन के रूप में परिभाषित किया गया है।
- आपराधिक अवमानना के तहत, किसी भी ऐसे विषय (मौखिक या लिखित शब्दों से, संकेतों, दृश्य प्रतिबिंबों, अथवा किसी अन्य प्रकार से) के प्रकाशन द्वारा अदालत की निंदा करने अथवा न्यायिक कार्यवाही में हस्तक्षेप करने अथवा बाधा डालने के प्रयास को सम्मिलित किया जाता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
A |
केवल 1
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B |
केवल 2
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C |
1 और 2 दोनों
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D |
न तो 1 और न ही 2
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Your Ans is
Right ans is C
Explanation :
भारत के मुख्य न्यायाधीश एन.वी. रमण ने गुरुग्राम में जुमे की नमाज अदा करने वाले नमाजियों के प्रति ‘सांप्रदायिक घृणा और आतंक का माहौल’ बनाने वाले ‘गुंडों’ पर लगाम नहीं लगाने पर, हरियाणा सरकार के अधिकारियों के खिलाफ ‘अवमानना कार्रवाई’ शुरू करने की मांग करने वाली याचिका को सुनवाई के लिए तुरंत सूचीबद्ध करने पर सहमति प्रदान की है।
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