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विश्व तापमान पूर्व-औद्योगिक स्तर
वैज्ञानिक दृष्टिकोण यह है कि विश्व तापमान पूर्व-औद्योगिक स्तर से 20C से अधिक नहीं बढ़ना चाहिये| यदि विश्व तापमान पूर्व-औद्योगिक स्तर से 30C के परे बढ़ जाता है, तो विश्व पर उसका संभावित असर क्या होगा?
- स्थलीय जीवमंडल एक नेट कार्बन स्रोत की ओर प्रवृत्त होगा|
 - विस्तृत प्रवाल मर्त्यता घटित होगी|
 - सभी भूमंडलीय आर्द्रभूमि स्थायी रूप से लुप्त हो जाएगी|
 - अनाजों की खेती विश्व में कहीं भी संभव नहीं होगी|
 
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:
| A | 
                                 केवल 1 
                                 | 
                            |
| B | 
                                 केवल 1 और 2 
                                 | 
                            |
| C | 
                                 केवल 2, 3 और 4 
                                 | 
                            |
| D | 
                                 1, 2, 3 और 4 
                                 | 
                            |
						     Your Ans is 
						   
						  
						    Right ans is B
						 
						 						 Explanation :
हाल ही में जलवायु परिवर्तन पर अंतर-सरकारी पैनल (IPCC) द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्रेट बैरियर रीफ संकट में है और जलवायु परिवर्तन के कारण गंभीर रूप से प्रभावित है।रिपोर्ट वर्ष 2016 से 2020 तक पिछले तीन सामूहिक विरंजन (Bleaching) घटनाओं की ओर इशारा करती है, जिसके तहत महत्त्वपूर्ण प्रवालों की हानि हुई है तथा जानकारी दी गई है कि कुछ प्रवाल प्रजातियों की "सामूहिक मृत्यु" भी हुई है।
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