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लिंगराज मंदिर
लिंगराज मंदिर के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
- लिंगराज मंदिर, भगवान शिव को समर्पित है तथा ओडिशा के सबसे पुराने और भुवनेश्वर के सबसे बड़े मंदिरों में से एक है।
- इसका निर्माण 10वीं शताब्दी में सोम वंशी राजा ययाति केसरी द्वारा कराया गया था, और 11वीं शताब्दी में राजा लालतेंदु केशरी द्वारा पूरा किया गया।
- यह मंदिर देउला शैली (Deula style) में बना हुआ है और लाल पत्थर से निर्मित है तथा वास्तुकला की कलिंग शैली का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
उपर्युक्त युग्मों में से कौन-सा/से सुमेलित है/हैं?
A |
केवल 1 और 2
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B |
केवल 2
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C |
केवल 2 और 3
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D |
1, 2 और 3
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Your Ans is
Right ans is D
Explanation :
- केंद्र सरकार ने ओडिशा सरकार से कहा है, कि भुवनेश्वर में अवस्थित 11वीं सदी के लिंगराज मंदिर (Lingaraj Temple) और उससे जुड़े मंदिरों को एक विशेष कानून के तहत लाने संबंधी राज्य सरकार का अध्यादेश ‘राज्य विधानमंडल’ की विधायी क्षमता से बाहर है।
- लिंगराज मंदिर भारत के ओडिशा प्रांत की राजधानी भुवनेश्वर में स्थित है। यह भुवनेश्वर का मुख्य मन्दिर है तथा इस नगर के प्राचीनतम मंदिरों में से एक है। यह भगवान त्रिभुवनेश्वर को समर्पित है।
- इसे ययाति केशरी ने 11वीं शताब्दी में बनवाया था। यद्यपि इस मंदिर का वर्तमान स्वरूप 12वीं शताब्दी में बना, किंतु इसके कुछ हिस्से 1400 वर्ष से भी अधिक पुराने हैं। इस मंदिर का वर्णन छठी शताब्दी के लेखों में भी आता है
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