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जलियांवाला बाग हत्याकांड
जलियांवाला बाग हत्याकांड के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
- 13 अप्रैल, 1919 को ‘बैसाखी’ का दिन था और इस दिन अमृतसर के स्थानीय निवासियों द्वारा दो स्वतंत्रता सेनानियों ‘सत्यपाल’ और ‘सैफुद्दीन किचलू’ को कैद करने तथा ‘रौलट एक्ट’ को लागू करने के खिलाफ चर्चा और विरोध करने के लिए एक सभा आयोजित करने का फैसला किया गया था। ‘रौलट एक्ट’ के तहत ब्रिटिश सरकार को बिना किसी सुनवाई के गिरफ्तार करने की शक्ति दी गई थी।
- जलियांवाला बाग़ चारो और से दीवारों से घिरा था और इसमें आने-जाने के लिए मात्र कुछ छोटे-छोटे दरवाजे थे। अंग्रेजों के आदेश के खिलाफ, इस बाग़ में एकत्रित भीड़ में पुरुष, महिलाएं और बच्चे शामिल थे।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
A |
केवल 1
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B |
केवल 2
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C |
1 और 2 दोनों
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D |
न तो 1 और न ही 2
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Your Ans is
Right ans is C
Explanation :
- 13 अप्रैल, 1919 को, ब्रिटिश सेना द्वारा जलियांवाला बाग में निहत्थे भारतीयों पर की गयी गोलीबारी में सैकड़ों लोग मारे गए थे।
- 13 अप्रैल, 2022 इस घटना के 103 वर्ष पूरे हो गए हैं।
- जालियाँवाला बाग हत्याकांड भारत के पंजाब प्रान्त के अमृतसर में स्वर्ण मन्दिर के निकट जलियाँवाला बाग में (बैसाखी के दिन) हुआ था। रौलेट एक्ट का विरोध करने के लिए एक सभा हो रही थी जिसमें जनरल डायर नामक एक अँग्रेज ऑफिसर ने अकारण उस सभा में उपस्थित भीड़ पर गोलियाँ चलवा दीं जिसमें 400 से अधिक व्यक्ति मरे और 2000 से अधिक घायल हुए।
- अमृतसर के डिप्टी कमिश्नर कार्यालय में 484 शहीदों की सूची है, जबकि जलियांवाला बाग में कुल 388 शहीदों की सूची है।
- ब्रिटिश राज के अभिलेख इस घटना में 200 लोगों के घायल होने और 379 लोगों के शहीद होने की बात स्वीकार करते है जिनमें से 337 पुरुष, 41 नाबालिग लड़के और एक 6-सप्ताह का बच्चा था।
- अनाधिकारिक आँकड़ों के अनुसार 1000 से अधिक लोग मारे गए और 2000 से अधिक घायल हुए।
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