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समान नागरिक संहिता
भारतीय विधि आयोग का कहना है कि फिलहाल भारत में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) की जरूरत नहीं है। यूसीसी के सम्बंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
- भारत का संविधान समान नागरिक संहिता को मौलिक कर्तव्य के रूप में प्रदान करता है।
- यूसीसी जनादेश भारत में प्रत्येक प्रमुख धार्मिक समुदाय के ग्रंथों और रीति-रिवाजों के आधार पर व्यक्तिगत कानूनों को प्रत्येक नागरिक के लिये एक समान कानूनों से प्रतिस्थापित करता है।
नीचे दिए गए कूट से सही कथन का चयन करें:
A |
केवल I
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B |
केवल II
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C |
I और II दोनों
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D |
न तो I और न ही II
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Explanation :
भारत में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) देश में प्रत्येक प्रमुख धार्मिक समुदाय के ग्रंथों और रीति-रिवाजों के आधार पर व्यक्तिगत कानूनों को प्रत्येक नागरिक के लिये एक समान कानूनों से प्रतिस्थापित करने का प्रस्ताव रखती है।
संवैधानिक प्रावधान : भारत के संविधान में अनुच्छेद 44 के अंतर्गत भारत में समान नागरिक संहिता के लिए राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों (DPSP) के रूप में प्रावधान किया गया है, जिसके अनुसार "राज्य नागरिकों के लिए सम्पूर्ण भारत में एक समान नागरिक संहिता को सुरक्षित रखने का प्रयास करेगा"। इसलिए, कथन-I गलत है और केवल कथन II सही है।
स्रोत: द हिंदू
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