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बेलगाम अधिवेशन
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (1924) के "बेलगाम अधिवेशन" के सम्बंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
- गांधीजी की अध्यक्षता में कांग्रेस का यही एकमात्र अधिवेशन हुआ था।
- इस अधिवेशन के दौरान "हिंदुस्तान सेवा दल" के स्वयंसेवकों ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
नीचे दिए गए कूट से सही कथन का चयन करें:
A |
केवल 1
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B |
केवल 2
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C |
1 और 2 दोनों
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D |
न तो 1 और न ही 2
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Explanation :
कांग्रेस का बेलगाम अधिवेशन एक महत्वपूर्ण घटना थी, क्योंकि कांग्रेस का यही एकमात्र ऐसा अधिवेशन था जिसकी अध्यक्षता गांधीजी ने की थी। खिलाफत आंदोलन के बाद, हिंदू-मुस्लिम एकता खत्म हो रही थी और कांग्रेस दो हिस्सों में बंट गयी थी। इन परिस्थितियों में गांधीजी ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन की अध्यक्षता की और किसानों को स्वतंत्रता संग्राम की मुख्य धारा से जोड़ा। इसने आंदोलन को नई ऊर्जा प्रदान की जो कि असहयोग आंदोलन के अचानक समाप्त किये जाने के कारण सुषुप्तावस्था में चला गया था। उन्होंने विशेष रूप से दक्षिण भारत में किसानों के बीच राष्ट्रवाद की भावनाओं को उत्तेजित किया। कर्नाटक के कुछ हिस्सों में स्वतंत्रता संग्राम की लौ को एन. एस. हार्डिकार, श्रीनिवास राव कौजल्गी जैसे कर्नाटक के कई कांग्रेसकर्मियों ने जीवित रखा था। एन. एस. हार्डिकार द्वारा प्रशिक्षित "हिंदुस्तान सेवा दल" के स्वयंसेवकों ने इस अधिवेशन के दौरान एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए सैनिटेशन और सिक्युरिटी की व्यवस्था की सारी जिम्मेदारी उठाई। उनके सेवा भाव को देखते हुए गांधी जी ने कहा था कि हार्डिकर और उनके संगठन के बग़ैर कांग्रेस का अधिवेशन सफल नहीं हो पाता।
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