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'चुनावी बांड
'चुनावी बांड' के सम्बंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
- चुनावी बांड का अधिकतम मूल्य केवल 10 लाख रुपये है और वे केवल एसबीआई की चयनित शाखाओं में उपलब्ध हैं।
- जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत पंजीकृत सभी पार्टियां चुनावी बांड के रूप में दान प्राप्त कर सकती हैं।
- चुनावी बांड में दाता का नाम होगा और वह कर कटौती करने के लिए उत्तरदायी है।
नीचे दिए गए कूट से सही कथन का चयन करें:
A |
केवल 1
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B |
केवल 2
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C |
1, 2, 3
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D |
उपर्युक्त में से कोई नहीं
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Explanation :
चुनावी बांड 1,000 रुपये, 10,000 रुपये, 1 लाख रुपये, 10 लाख रुपये और 1 करोड़ के गुणकों में जारी किए जाते हैं और भारतीय स्टेट बैंक की निर्दिष्ट शाखाओं में उपलब्ध हैं। उन्हें दाता द्वारा केवाईसी का अनुपालन करने वाले खातों से ख़रीदा जा सकता है। इसलिए, कथन 1 गलत है।
जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29A के तहत पंजीकृत ऐसी कोई भी पार्टी जिसने हाल ही में हुए लोकसभा या राज्य चुनावों में मतदान का कम से कम एक प्रतिशत वोट प्राप्त किया हो, उसे भारत के निर्वाचन आयोग द्वारा एक सत्यापित खाता आवंटित किया जाता है।
चुनावी बांड में दाता का नाम नहीं होगा और इसलिए पार्टियों को यह नहीं पता होगा कि इस चुनावी बांड को किसने खरीदा है। अतः कथन 2 और 3 भी गलत हैं।
स्रोत: द हिन्दू
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