बायो-गैस संयंत्र


प्रश्नः देश में जैव-ऊर्जा की क्षमता का पता लगाने के लिये सरकार द्वारा तैयार की गई योजनाओं का ब्यौरा क्या है_ क्या सरकार का देश में बायो-गैस संयंत्रें की संख्या बढ़ाने का विचार है, यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है और यदि नहीं, तो इसके क्या कारण हैं?

(सुमेधनन्द सरस्वती द्वारा लोकसभा में पूछा गया तारांकित प्रश्न)

नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा तथा विद्युत राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आर-के- सिंह द्वारा दिया गया उत्तरः नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रलय (एमएनआरई) द्वारा बायोगैस, बायो सीएनजी और विद्युत के रूप में देश में जैव ऊर्जा क्षमता का सदुपयोग करने के लिए निम्नलिखित योजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं-

  1. नवीन राष्ट्रीय बायोगैस और जैविक खाद कार्यक्रम (एनएनबीओएमपी)
  2. बायोगैस आधारित विद्युत उत्पादन (ऑफ-ग्रिड) और तापीय ऊर्जा अनुप्रयोग कार्यक्रम (बीपीजीटीपी)
  3. देश में चीनी मिलों और अन्य उद्योगों में बायोमास आधारित सह-उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सहायता की योजना
  4. शहरी, औद्योगिक, कृषि अपशिष्ट/अवशिष्ट और नगरीय ठोस अपशिष्ट से ऊर्जा पर कार्यक्रम।
  • बायोगैस, बायो सीएनजी और विद्युत के रूप में जैव ऊर्जा प्राप्त करने के लिए प्रौद्योगिकियां सुस्थापित हैं। ये संयंत्र आवश्यक गुणवत्तायुक्त फीडस्टॉक की सतत आपूर्ति और संयंत्रें के नियमित रूप से समुचित प्रचालन और रखरखाव किए जाने के कारण सही और कारगर ढंग से कार्य करते हैं।
  • नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रलय द्वारा देश के दूरस्थ, ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रें में किसानों सहित परिवारों के लिए मुख्यतः पशु गोबर और उसके साथ मिश्रित अन्य जैविक अपशिष्ट पर आधारित लघु बायोगैस संयंत्र स्थापित करने के लिए केंद्रीय योजना, नवीन राष्ट्रीय बायोगैस और जैविक खाद कार्यक्रम (एनएनबीओएमपी) कार्यान्वित किया जा रहा है। एनएनबीओएमपी के तहत, वर्तमान वर्ष 2019-20 के लिए 76,000 लघु बायोगैस संयंत्रें की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है।
  • इसके अतिरिक्त एमएनआरई द्वारा दो अन्य योजनाएं अर्थात शहरी, औद्योगिक, कृषि अपशिष्ट/अवशिष्ट और नगरीय ठोस अपशिष्ट कार्यक्रम तथा बायोगैस आधारित विद्युत उत्पादन (ऑफ ग्रिड) और भूतापीय ऊर्जा अनुप्रयोग कार्यक्रम (बीपीजीटीपी) भी कार्यान्वित किए जा रहे हैं ताकि देश में मध्यम और बड़े आकार के बायोगैस संयंत्रें की संख्या बढ़ाकर बायोगैस उत्पादन को बढ़ावा दिया जा सके।