खाद्य प्रसंस्करण उद्योग का विकास


खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री पशुपति कुमार पारस द्वारा दिया गया उत्तरः वर्ष 2019-20 में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में सकल मूल्य वर्धित (GVA) 2.23 लाख करोड़ रुपए था। वर्ष 2019-20 के दौरान खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में मूल्यवर्धन में योगदान देने वाले प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों की सूची में (i) बेकरी उत्पादों का निर्माण, चीनी और शक्कर कंफेक्सनरी, चॉकलेट और कोको उत्पाद, तैयार भोजन और व्यंजन, चाय, कॉफी का प्रसंस्करण और सम्मिश्रण, खाने योग्य मूंगफली, माल्ट युक्त खाद्य, मसालों का प्रसंस्करण इत्यादि, (ii) चावल, आटा, दलहन, सीरियल ब्रेकफास्ट फूड, रेडीमेट मिश्रित पाउडर की मिलिंग, (iii) मांस, मछली, फल, सब्जियां, तेल और वसा का उत्पादन, प्रसंस्करण और परिरक्षण, (iv) शीतल पेय और मादक पेय का विनिर्माण और (v) डेयरी उत्पादों का विनिर्माण शामिल है।

  • पिछले तीन वर्षों में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के जीवीए में वार्षिक औसत वृद्धि दर (AAGR) 8.12% थी जबकि प्रसंस्कृत खाद्य के निर्यात में 7.9% की वृद्धि हुई है।
  • सरकार ने हाल ही के वर्षों में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के समग्र वृद्धि के लिए एक सक्षम नीति ढांचा तैयार किया है जिसमें (i) उत्पाद-सह-उत्पाद अनुमोदन से एक घटक और FSSAI द्वारा योज्य आधारित अनुमोदन प्रक्रिया में बदलाव; (ii) प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र ऋण (PSL) मानदंडों के अंतर्गत खाद्य और कृषि आधारित प्रसंस्करण यूनिटों और कोल्ड चेन को शामिल करना; और (iii) इस क्षेत्र के लिए किफायती ऋण प्रदान करने हेतु नाबार्ड के साथ 2000 करोड़ रुपए के विशेष खाद्य प्रसंस्करण कोष की स्थापना शामिल है।
  • इसके अतिरिक्त खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना (PMKSY) - देश भर में खाद्य प्रसंस्करण के समग्र विकास के लिए एक व्यापक कार्यक्रम के अंतर्गत विभिन्न योजनाओं को कार्यान्वित करके विकास में योगदान देता है।

मंत्रालय आत्मनिर्भर भारत अभियान के भाग के रूप में दो नई योजनाओं को भी कार्यान्वित कर रहा हैः

(i)एक जिला एक उत्पाद दृष्टिकोण पर 2 लाख सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण यूनिटों के उन्नयन/स्थापना के लिए वित्तीय, तकनीकी और व्यावसायिक समर्थन प्रदान करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम उन्नयन (PMFME) योजना।

(ii)विनिर्माण प्रतिस्पर्धा और निर्यात और वैश्विक खाद्य विनिर्माण चैंपियन सृजित करने के लिए उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन (PLI) स्कीम।