पर्यावरण प्रबंधन क्षमता


प्रश्नः गत तीन वर्षों के दौरान पर्यावरण, शिक्षा, जागरूकता और प्रशिक्षण हेतु योजनाओं का ब्यौरा क्या है_ क्या देश के विभिन्न राज्यों में पर्यावरण प्रबंधन क्षमता निर्माण संबंधी परियोजनाओं को बढ़ावा देने हेतु विश्व बैंक की सहायता ली गई है_ यदि हां तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है?

(श्रीमती पूनम महाजन द्वारा लोकसभा में पूछा गया अतारांकित प्रश्न)

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो द्वारा दिया गया उत्तरः पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रलय समाज के सभी वर्गों, विशेष रूप से स्कूल और कॉलेज स्तर के छात्रें के बीच पर्यावरणीय जागरूकता को बढ़ावा देने तथा पर्यावरण के संरक्षण हेतु जन भागीदारी जुटाने के उद्देश्य के साथ पर्यावरण, शिक्षा, जागरूकता और प्रशिक्षण संबंधी स्कीम कार्यान्वित कर रहा है। इस स्कीम के राष्ट्रीय हरित कोर कार्यक्रम के तहत देश भर के स्कूलों और कॉलेजों में लगभग 1.6 लाख ‘इकोक्लब’ का नेटवर्क स्थापित किया गया है। इस कार्यक्रम में लगभग 40 लाख छात्र सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं और पर्यावरण संरक्षण संबंधी कार्यकलापों में शामिल रहते हैं।

  • इस स्कीम के घटकों में एक घटक ग्रीन गुड डीड (GGD), जोकि एक सामाजिक आंदोलन है, का लक्ष्य हरित सामाजिक उत्तरदायित्व का वहन करने के लिए समाज के सभी वर्गों में ग्रीन गुड हैबिट्स और व्यवहार अंतर्निविष्ट करना है। जीजीडी पहल, सरल और व्यावहारिक कदमों के बारे में है जिन्हें छात्र/शिक्षक/नागरिक, पर्यावरण की सुरक्षा करने के लिए अपने दैनिक जीवन में निष्पादित कर सकते हैं। इस पहल के अंतर्गत स्कूल और कॉलेज स्तर के छात्रें द्वारा स्वच्छ भारत अभियान के भाग के रूप में स्वच्छता अभियान, पौधरोपण अभियान, अपशिष्ट प्रबंधन संबंधी जागरूकता, एकल उपयोग के प्लास्टिक के प्रयोग को न्यूनतम करना, हरित दिवाली मनाना आदि कुछ कार्यकलाप भी किए जाते हैं।
  • इस मंत्रलय द्वारा क्रियान्वित की जा रही ‘औद्योगिक प्रदूषण प्रबंधन हेतु क्षमता निर्माण (Capacity Building for Industrial Pollution Management - CBIPM)’ शीर्षक वाली विश्व बैंक सहायता प्राप्त परियोजना के अंतर्गत वर्ष 2017-18 के दौरान आंध्र प्रदेश राज्य में 24 करोड़ रुपए, तेलंगाना राज्य में 2-28 करोड़ रुपए और पश्चिम बंगाल राज्य में 35-88 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे।