सभी क्षेत्रों में कौशल विकास


प्रश्नः क्या मंत्रालय का सभी क्षेत्रों में कौशल विकास प्रारंभ करने का कोई विचार है;यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है? क्या मंत्रालय भावी सूचना प्रौद्योगिकी हार्डवेयर उद्योग के लिए सक्षम कार्यबल तैयार करने पर अपना ध्यान केन्द्रित कर रहा है;यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है और कुशल व्यक्तियों के लिए ऋण उपलब्धता को सरल बनाने हेतु उठाए गए कदमों का ब्यौरा क्या है?

(परबतभाई सवाभाई पटेल एवं नारणभाई काछडि़या द्वारा लोकसभा में पूछा गया तारांकित प्रश्न)

कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री डॉ. महेंद्रनाथ पाण्डेय द्वारा दिया गया उत्तरः राष्ट्रीय कौशल विकास और उद्यमशीलता नीति, 2015 के अनुसरण में सरकार राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) के तत्वावधान में क्षेत्र कौशल परिषदों (एसएससी) की स्थापना को प्रोत्साहित कर रही है, ताकि विभिन्न क्षेत्रों में सभी हितधारकों द्वारा किए जा रहे कौशल विकास प्रयास उद्योग की वास्तविक आवश्यकता के अनुसार सुनिश्चित किए जा सकें।

एसएससी उद्योग-नीत निकाय होती है, जो व्यावसायिक मानक सृजित करने, क्षमता ढांचा विकसित करने, प्रशिक्षिकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने, व्यावसायिक प्रशिक्षण संस्थानों को संवद्ध करने, अपने संबंधित क्षेत्रों में कौशल अंतराल का अध्ययन करने और राष्ट्रीय कौशल अर्हता ढांचा (एनएसक्यूएफ) के अनुरूप पाठ्यचर्या के संबंध में प्रशिक्षार्थियों का सर्वाधिक महत्वपूर्ण आकलन और प्रमाणन करने के लिए उत्तरदायी हैं। वर्तमान में 37 क्षेत्र कौशल परिषदें कार्यरत हैं, जिनके अंतर्गत सभी प्राथमिकता क्षेत्र, अधिक कार्यबल वाले क्षेत्र और असंगठित क्षेत्र आते हैं। इनकी एक सूची अनुबंध पर दी गई है।

  • भारतीय इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र कौशल परिषद (ईएसएससीआई) की स्थापना इलेक्ट्रॉनिक और हार्डवेयर के डोमेन में की गई है। यह परिषद भारतीय कार्यबल की वैश्विक रूप से नियोजनीयता को बढ़ाने के लिए संबंधित पाठ्यचर्या, पाठ्यक्रम, सूचना डाटाबेस, प्रदायगी प्रणाली, मानकीकरण, प्रत्यायन और प्रमाणन प्रक्रियाओं सहित इलेक्ट्रॉनिक्स प्रणालियों, डिजाइन और विनिर्माण उद्योग (ईएसडीएम) के लिए परिणामोन्मुख कौशलों का विकास और संचालन करने के लिए प्रभावी और दक्ष ईकोसिस्टम स्थापित करने पर बल देती है।
  • इस परिषद ने 2.83 लाख व्यक्तियों को प्रशिक्षित किया है, जिनमें से 1.12 लाख व्यक्तियों को 2017-18 से 2019-20 के दौरान नियोजित किया गया है। इसके अलावा मंत्रालय शिल्पकार प्रशिक्षण स्कीम (सीटीएस) के माध्यम से देश भर में 15,697 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) में इलेक्ट्रॉनिक्स और हार्डवेयर सहित 26 सेक्टरों में 137 एनएसक्यूएफ संरेखित ट्रेडों में दीर्घावधि व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है।
  • कौशल पाठ्यक्रमों को उद्योग 4.0 की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए नई पीढ़ी की प्रौद्योगिकी के उत्थान के लिए कौशल पाठ्यक्रम तैयार किए गए हैं और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी, स्मार्ट एग्रीकल्चर, जियो इंफॉरमैटिक्स असिस्टेंट, एयोरोनॉटिकल स्ट्रक्चर एंड इक्विपमेंट फिटर, ड्रोन, सोलर तकनीशियन, टेक्नीशियन मैकेट्रोनिक्स आदि जैसे नई पीढ़ी के पाठ्यक्रम राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थानों (एनएसटीआई) और आईटीआई में प्रारंभ किए गए हैं।
  • सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा चलाई जा रही सरकार की कौशल ऋण स्कीम के अंतर्गत किसी आईटीआई, पॉलिटेक्निक या केंद्र अथवा राज्य शिक्षा बोर्डों द्वारा मान्यता प्राप्त किसी स्कूल में या मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से संबद्ध किसी कॉलेज में, राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी), क्षेत्र कौशल परिषदों, राज्य कौशल विकास मिशनों, राज्य कौशल निगमों आदि से संबद्ध प्रशिक्षण भागीदारों से एनएसक्यूएफ संरेखित कौशल विकास पाठ्यक्रमों को प्राप्त करने के इच्छुक आकांक्षी व्यक्तियों को ऋण सुविधा प्रदान की जाती है। ऋण की राशि पाठ्यक्रम के आधार पर 11 प्रतिशत से 12 प्रतिशत की ब्याज दर पर 3 से 7 वर्षों की अदायगी के साथ 5,000/- रुपए से 1,50,000/- रुपए के बीच होती है।
  • यह ऋण किसी प्रक्रियात्मक शुल्क या संपार्श्विक प्रतिभूति या तृतीय पक्ष गांरटी के बिना स्वीकृत किया जाता है। इसके अलावा एनएसडीसी विभिन्न कार्यक्रमों और पहलों के माध्यम से स्व-रोजगार/उद्यमशीलता प्रदान करने के लिए प्रशिक्षार्थियों और प्रशिक्षण भागीदारों को सहायता उपलब्ध कराने का प्रयास करता है। इसने कुशल उम्मीदवारों को मुद्रा ऋण, उद्यमशीलता सहायता जैसे लाभ देने के लिए विभिन्न सरकारी एजेंसियों और गैर-सरकारी संगठनों के साथ भागीदारी की है।
  • यह उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करने के लिए प्रशिक्षण प्रदाताओं की क्षमता सृजित करने और नियोजन प्रकोष्ठों को सुदृढ़ बनाने में सहायता भी करता है।