महासागरों का सतत विकास


जून 1995 में भारत द्वारा अनुमोदित समुद्र के कानून पर संयुक्त राष्ट्र अभिसमय, प्रादेशिक जल और समुद्री क्षेत्र अधिनियम, 1976 और महासागर नीति वक्तव्य, 1981 महासागरों के सतत विकास के लिए प्राथमिक साधन हैं।

  • इसके अलावा, तटीय और समुद्री पर्यावरण के प्रबंधन और संरक्षण के लिए विभिन्न घरेलू विधान भी हैं। स्थिरता के लिए महासागर विज्ञान का संयुक्त राष्ट्र दशक (2021-2030)के लिए कार्ययोजना तैयार करने के लिए भारत अंतरसरकारी महासागरीय आयोग (IOC) के कार्यकारी योजना समूह का सदस्य है।
  • उत्तरी और मध्य हिंद महासागर देशों के लिए सतत विकास हेतु महासागर विज्ञान के संयुक्त राष्ट्र दशक की क्षेत्रीय योजना कार्यशाला (2021-2030)जनवरी 2020 में चेन्नई में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा आयोजित की गई थी।