तुर्कमेनिस्तान-अफगानिस्तान-पाकिस्तान-भारत गैस पाइप लाइन


प्रश्नः क्या सरकार ने तुर्कमेनिस्तान-अफगानिस्तान-पाकिस्तान-भारत (TAPI) गैस पाइपलाइन को पुनर्जीवित करने के लिए कोई कदम उठाए हैं और यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है;भारत की गैस और प्राकृतिक गैस की वर्तमान मांग और आपूर्ति का ब्यौरा क्या है;सरकार द्वारा इस पाइपलाइन को रद्द करने की स्थिति में भारतीय राजस्व को होने वाली अनुमानित हानि का ब्यौरा क्या है;भारत में कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस की उपलब्धता और मांग का राज्य-वार सटीक ब्यौरा क्या है और पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस कारोबार और इससे संबद्ध कारोबारों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की वर्तमान स्थिति क्या है?

(चिंता अनुराधा द्वारा लोकसभा में पूछे गए अतारांकित प्रश्न)

पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान द्वारा दिया गया उत्तरः तापी गैस पाइपलाइन स्थापित करने के उद्देश्य से विभिन्न करारों को अंतिम रूप देने के लिए तुर्कमेनिस्तान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान और भारत की राष्ट्रीय गैस कंपनियों का पाइपलाइन परिसंघ तापी पाइपलाइन कंपनी लिमिटेड (टीपीसीएल) पणधारकों के साथ समन्वय कर रहा है।

  • भारत का प्राकृतिक गैस का वर्तमान उत्पादन 32.87 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) है और प्राकृतिक गैस की मांग/खपत 60.80 बीसीएम है।
  • चूंकि टीपीसीएल और भागीदार राष्ट्रीय कम्पनियां, परियोजना से संबंधित विभिन्न करारों को अंतिम रूप देने के लिए विचार-विमर्श कर रही है, अतः परियोजना का वित्तीय मूल्यांकन करना जल्दबाजी होगी।
  • भारत का कच्च तेल का वर्तमान उत्पादन 34.20 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) है और कच्चे तेल की मांग/खपत 213.22 एमएमटी है।
  • पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस क्षेत्र में वर्ष 2018-19 के दौरान एफडीआई इनफ्रलो 940.23 करोड़ है।