वडनगर में 800 ईसा पूर्व पुरानी मानव बस्ती के प्रमाण

  • 17 Jan 2024

आईआईटी खड़गपुर, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI), भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला (PRL), जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) और डेक्कन कॉलेज के पुरातत्व वैज्ञानिकों की एक टीम ने गुजरात के वडनगर में उत्खनन के दौरान 800 ईसा पूर्व पुरानी मानव बस्ती के प्रमाणों की खोज की है।

  • इन 2,800 वर्षों के दौरान वडनगर में विभिन्न साम्राज्यों का उदय और पतन हुआ, साथ-ही यह बाढ़ एवं सूखे जैसी विभिन्न जलवायु परिवर्तन स्थितियों से भी प्रभावित हुआ।
  • वडनगर में उत्खनन के दौरान विशिष्ट पुरातात्विक कलाकृतियां, मिट्टी के बर्तन, तांबा, सोना, चांदी, लोहे की वस्तुएं और जटिल रूप से डिज़ाइन की गई चूड़ियां, सिक्के के सांचे भी मिले हैं।
  • इसे एक ही किलेबंदी में भारत का सबसे पुराना जीवित शहर माना जा रहा है।
  • यह अध्ययन एल्सवियर नामक डच अकादमिक प्रकाशन कंपनी के जर्नल ‘क्वाटरनरी साइंस रिव्यूज’ में हाल ही में प्रकाशित हुआ।
  • इस अध्ययन का शीर्षक है- “प्रारंभिक ऐतिहासिक से मध्ययुगीन काल तक जलवायु, मानव बस्ती और प्रवास: पश्चिमी भारत, वडनगर में नए पुरातात्विक खनन से मिले साक्ष्य”।
  • इस उत्खनन कार्य का नेतृत्व भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा किया गया, जबकि गुजरात सरकार के पुरातत्व एवं संग्रहालय निदेशालय ने इसे वित्त-पोषित किया।
  • वडनगर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का पैतृक गांव भी है। वडनगर बहु-सांस्कृतिक और बहु-धार्मिक (बौद्ध, हिंदू, जैन और इस्लामिक) बस्ती भी रहा है।