स्वदेशी ग्रीन प्रोपल्शन सिस्टम

  • 02 Feb 2024

रक्षा मंत्रालय ने 1 फरवरी, 2024 को बताया कि स्वदेशी रूप से विकसित ग्रीन प्रोपल्शन सिस्टम ने निर्धारित कक्षा (ऑर्बिट) में अपनी कार्यक्षमता का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया है।

  • इसे पीएसएलवी सी-58 से एक पेलोड पर लॉन्च किया गया था।
  • ग्रीन प्रोपल्शन सिस्टम को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) की प्रौद्योगिकी विकास निधि (TDF) योजना के तहत विकसित किया गया है।
  • ‘1N क्लास ग्रीन मोनोप्रोपेलेंट थ्रस्टर' नामक तकनीक वाली इस परियोजना के लिए बेंगलुरु स्थित स्टार्ट-अप बेलाट्रिक्स एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड को मंजूरी दी गई थी।
  • इस नई तकनीक के चलते लो ऑर्बिट स्पेस के लिए नॉन-टॉक्सिक और पर्यावरण-फ्रेंडली प्रोपल्शन सिस्टम विकसित हो सका है।
  • इस प्रणाली में स्वदेशी रूप से विकसित प्रोपेलेंट, फिल और ड्रेन वाल्व, लैच वाल्व, सोलेनॉइड वाल्व, कैटलिस्ट बेड, ड्राइव इलेक्ट्रॉनिक्स आदि शामिल हैं।